मनु शर्मा को लखनऊ में साहित्यकारों ने दी भावभीनी श्रद्धांजलि
लखनऊ (Lucknow) स्थित हिंदी संस्थान में आज हिंदी के उद्भट विद्वान स्वर्गीय हनुमान प्रसाद शर्मा उर्फ मनु शर्मा को तमाम साहित्यकारों ने भावभीनी श्रद्धांजलि दी व उनके साहित्य व लेखनी को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। इस मौके पर प्रमुख साहित्यकार भवानी दत्त भट्ट ने बताया कि उनकी स्मृति में एक केंद्र बनाया जायगा जहां हिंदी साहित्य के अध्येताओं को मनु शर्मा के कृतित्व के बारे में विस्तृत जानकारी दी जायेगी। श्री भट्ट ने बताया कि स्व. मनु शर्मा ने अपनी आत्मकथाओं का अपने ही शब्दों में बड़े ही सुंदर ढंग से वर्णन किया है। बड़ी-बड़ी यूनिवर्सिटीज में हिंदी के बड़े-बड़े विद्वान उनकी आत्मकथाओं से प्रेरणा लेते हैं तथा उनपर रिसर्च भी करते हैं।
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साहित्यकार राजनाथ शर्मा ने दी कुछ जानकारी
कार्यक्रम में लेखन जगत व मनु शर्मा से जुड़े लोगों ने उनकी आत्मकथाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। मौजूद साहित्यकारों ने बताया कि स्व. मनु शर्मा ने अपने साहित्य के माध्यम से जो संदेश दिया है वह आम लोगों व साहित्यकारों दोनों के लिए ही प्रेरणा का स्रोत बनेगा। साहित्यकार राजनाथ शर्मा ने बताया कि मनु शर्मा ने बेहद सामान्य जिंदगी जीते हुए जिस अजेय साहित्य की रचना की उसकी मिसाल मुश्किल से मिलती है।
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उन्होंने हिंदी में सबसे बड़ा उपन्यास भी लिखा।
ज्ञात हो कि साहित्यकार और हिन्दी में सबसे बड़ा उपन्यास लिखने वाले मनु शर्मा का विगत दिनों वाराणसी में निधन हो गया। उन्होंने कालजयी साहित्य की रचना की। स्व शर्मा का उपन्यास ‘कृष्ण की आत्मकथा’आठ खण्डों में आया। इसे हिन्दी का सबसे बड़ा उपन्यास माना जाता है। इसके अलावा उन्होंने हिन्दी में तमाम उपन्यासों की रचनाएं कीं।
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लिखे कई लोकप्रिय उपन्यास
वे फैजाबाद के अकबरपुर में पैदा हुए थे। उन्होंने हिन्दी में कई उपन्यास लिखे जिनमें ‘कर्ण की आत्मकथा’,‘द्रोण की आत्मकथा’,‘द्रोपदी की आत्मकथा’,‘के बोले मां तुमि अबले’,‘छत्रपति’,‘एकलिंग का दीवाना’, ‘गांधी लौटे’ काफी विख्यात हुए। उनके कई कहानी संग्रह और कविता संग्रह भी आए। शुरूआत में वह हनुमान प्रसाद शर्मा के नाम से लेखन करते थे।
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तमाम पुरस्कारों से किया गया सम्मानित
शर्मा को उत्तर प्रदेश सरकार के सर्वोच्च सम्मान ‘यश भारती’ से सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें गोरखपुर विश्वविद्यालय से मानद डीलिट. की उपाधि से भी सम्मानित किया गया था। इसके अलावा उन्हें तमाम पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘स्वच्छ भारत अभियान’के तहत जिन प्रारंभिक नौ लोगों को नामित किया था उनमें से एक मनु शर्मा भी थे। उनके कई कहानी संग्रह और कविता संग्रह भी आये। शुरूआत में वह हनुमान प्रसाद शर्मा के नाम से लेखन करते थे।