अलीगढ़ विवि से पीएचडी कर रहा छात्र बना खूंखार आतंकी
देश में आतंकियों के फैलते जाल का एक और मामला सामने आया है। नए साल में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) से पीएचडी कर रहा एक कश्मीरी छात्र गायब हो गया था। अब अचानक से उसके आतंकी बनने की खबर सामने आई है। फेसबुक और व्हॉट्सएप पर जारी मैसेज के अनुसार, कश्मीरी शोधार्थी 5 जनवरी को हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल हो गया।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है तस्वीर
सोशल नेटवर्किंग पर जारी फोटो में उसे अंडर बैरल ग्रेनेड लांचर के साथ देखा जा सकता है। कश्मीरी युवक का भाई जूनियर इंजीनियर है। जानकारी के मुताबिक, एएमयू में पीएचडी कर रहे युवक की पहचान कुपवाड़ा (जम्मू-कश्मीर) निवासी मन्नान वानी (पिता बशीर अहमद वानी) के तौर पर हुई है। परिजनों ने बताया कि मन्नान एएमयू में अप्लाइड जियोलॉजी विभाग से पीएचडी कर रहा था।
परिजनों ने बताया, ‘हमलोगों ने भी सोशल नेटवर्किंग साइटों पर उसकी (मन्नान) तस्वीर देखी है। लेकिन, हमें अभी इस बारे में कुछ भी मालूम नहीं है कि वह आतंकी संगठन में शामिल हुआ है या नहीं। हम 4 जनवरी से ही उससे संपर्क नहीं कर पा रहे हैं। उसका मोबाइल फोन लगातार स्विच ऑफ है। हमें लगता है कि उसने कुछ वजहों से फोन बंद कर दिया होगा या फिर फोन खो गया होगा। उससे संपर्क नहीं होने के कारण हमलोगों ने शनिवार (6 जनवरी) को पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।’
1 महीने पहले गया था अलीगढ़
मुबाशिर ने बताया कि मन्नान एक महीने पहले ही अलीगढ़ गया था। उनके अनुसार, मन्नान से लगातार बातचीत होती थी, ऐसे में परिवार को लगा था कि वह अलीगढ़ में ही है। अब उसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। कुपवाड़ा के एसएसपी शमशीर खान ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
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सूत्रों का कहना है कि मन्नान यूनिवर्सिटी में हाल में हुए छात्र संघ चुनाव में काफी सक्रिय था। उसने ऑनलाइन पोर्टल पर छात्र राजनीति को लेकर कई लेख भी लिखे थे। एएमयू की ओर से इस मामले में अभी तक कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। लेकिन, विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर मन्नन वानी को पीएचडी छात्र बताया गया है। वेबसाइट के मुताबिक, मन्नान ‘स्ट्रक्चरल एंड जियो-मॉर्फोलॉजिकल स्टडी ऑफ लोलाब वैली, कश्मीर’ विषय पर शोध कर रहा था।
मन्नान को वॉटर, एनवायरमेंट, इकोलोजी एंड सोसाइटी में मिल चुका है सम्मान
मन्नान को वर्ष 2016 में ‘वॉटर, एनवायरमेंट, इकोलोजी एंड सोसाइटी’ विषय पर एक अतंरराष्ट्रीय कांफ्रेंस में बेहतरीन रिपोर्ट देने के लिए सम्मानित भी किया गया था। एएमयू वेबसाइट के अनुसार, कश्मीर यूनिवर्सिटी से जियोलॉजी एंड अर्थ साइंसेज में बेचलर की डिग्री लेने के बाद उसने एएमयू से मास्टर और एमफिल की पढ़ाई की थी।
(साभार- जनसत्ता)