पत्रकार मनीष से ‘उपमुख्यमंत्री’ तक का सफर

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दिल्ली में 2013 में हुए में विधानसभा चुनाव में जहां शीला दीक्षित, एके वालिया, किरण वालिया, राज कुमार चौहान और योगानंद शास्त्री जैसे धुरंधरों को शिकस्त मिली वहीं आम आदमी पार्टी के कुछ अंजान से चेहरे जीत के बाद एकाएक लोकप्रियता के पायदान चढ़ गए। उनमे सबसे प्रमुख नाम दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का आता है।

करियर

आम आदमी पार्टी (आप) के संस्थापक सदस्य, पत्रकार और समाजिक कार्यकर्त्ता मनीष सिसोदिया का जन्म 5 जनवरी 1972 को पूर्वी दिल्ली के पांडव नगर में हुआ था। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई पूरी कर आईएमसी से पत्रकारिता में डिप्लोमा किया।

पत्रकारिता से रहा खास लगाव

पेशे से पत्रकार रहे मनीष सिसोदिया राजनीति में आने से पहले ‘जी न्यूज’ में कार्यरत थे। इसके अलावा वह ‘ऑल इंडिया रेडियो’ से भी लंबे समय तक जुड़े रहे और सूचना के अधिकार (आरटीआई) कानून की पैरवी भी इन्होंने लंबे समय तक की है। वे ‘अपना पन्ना’ नामक हिन्दी मासिक पत्र के संपादक भी हैं।

जन लोकपाल आंदोलन

भ्रष्टाचार के खिलाफ जन लोकपाल आंदोलन के समय मनीष सिसोदिया एक आक्रामक नेता के तौर पर उभरे थे। वे अन्ना हजारे की भ्रष्टाचार विरोधी आन्दोलन के प्रमुख सदस्य रहे। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के दौरान मनीष उनके साथ जेल भी गए थे। लेकिन बाद में जब अरविंद केजरीवाल ने आंदोलन छोड़ राजनीति में आने का निश्चय किया तो मनीष ने उनका साथ दिया।

सामाजिक कार्यकर्ता

मनीष सिसोदिया एक सामाजिक कार्यकर्ता रहे हैं। वह ‘कबीर’ और ‘परिवर्तन’ नामक सामाजिक संस्था का संचालन करते हैं। वे सक्रिय आरटीआई कार्यकर्ता भी हैं। मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के साथ ‘सार्वजनिक हित अनुसंधान फाउण्डेशन’ नामक गैर सरकारी संगठन के सह-संस्थापक भी हैं। वह आरटीआई से जुड़े आंदोलन में केजरीवाल के साथ अहम भूमिका में रहे। दिल्ली जल बोर्ड के निजीकरण के खिलाफ लड़ाई में उनकी अहम भूमिका रही।

राजनीतिक सफर

मनीष सिसोदिया 26 नवंबर 2012 को स्थापित आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य हैं। उन्हें पार्टी ने 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए पड़पडगंज विधानसभा क्षेत्र का उम्मीदवार बनाया। इस चुनाव में वे विजयी रहे।

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अब वे दिल्ली सरकार में शिक्षा, उच्च शिक्षा, जन निर्माण विभाग (पी डब्ल्यू डी), शहरी विकास, स्थानीय निकाय, भूमि एवं भवन तथा रेवेन्यू विभाग जैसे अहम मंत्रालय संभाल रहे हैं।

काम की सराहना

2014 के लोकसभा चुनावों में दिल्ली की सातों संसदीय सीटों पर आप के हार जाने के बाद पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूत करने का श्रेय सिसोदिया को दिया जाता है। आप सरकार के 49 दिन के कार्यकाल में सिसोदिया शिक्षा, लोक निर्माण विभाग, शहरी विकास एवं स्थानीय निकाय मंत्री थे। उस सरकार ने पिछले साल 14 फरवरी को लोकपाल के मुद्दे पर इस्तीफा दे दिया था।

बिन्नी को दिया शिकस्त

सिसोदिया ने पटपड़गंज विधानसभा क्षेत्र में भाजपा उम्मीदवार विनोद कुमार बिन्नी को हराकर यह जीत हासिल की है। विनोद कुमार बिन्नी को पिछले साल आप से निकाल दिया गया था।

सोशल मीडिया पर एक्टिव

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सोशल मीडिया पर भी काफी सक्रिय रहते हैं। सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर 6 लाख 88 हजार 195 फॉलोवर हैं जबकि फेसबुक पर 7 लाख 84 हजार 40 लोग लाइक करते हैं। यह आंकड़ा 19 अप्रैल 2016 तक का है।

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