गोरखपुर के मनीष गुप्ता हत्याकांड ने यूपी पुलिस के वर्दी पर जो दाग लगाया है, वो गहरा होता जा रहा है। इस मामले में पुलिस ने योगी सरकार की खूब किरकिरी हो रही है।
मनीष गुप्ता हत्याकांड में पहले दिन से ही आरोपी पुलिसवालों को बचाने की कोशिश की जा रही है। लेकिन पोस्टमॉर्टम और हत्याकांड के दो चश्मदीद गवाहों ने पुलिस की करतूत को उजागर कर दिया।
मिला अहम सबूत-
कानपुर के प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता की पिटाई बाद होटल के कमरे में फैले खून को तो पुलिस कर्मियों ने खूब सफाई से साफ किया था पर तौलिया ठिकाने लगाना भूल गए।
खून से सना तौलिया उन्होंने बेड के नीचे ही फेंक दिया था। पति के शव को लेकर कानपुर लौटते समय होटल पर सामान लेने गई मीनाक्षी ने बेड के नीचे से तौलिया निकाल पर होटल के स्टाफ और अन्य पुलिस कर्मियों को दिखाया और कहा कि अपनी करतूत आप लोग कहां और कैसे छिपाएंगे।
पुलिस की ज्यादती की गवाही दे रहा खून से सना तौलिया-
मीनाक्षी ने कहा कि मेरे पति का यह खून पुलिस की ज्यादती की गवाही दे रहा है। मीनाक्षी ने तौलिया को लेकर हंगामा शुरू किया और अन्य सामानों की लिस्ट में उसका भी जिक्र कराया।
होटल मालिक सुभाष शुक्ला ने बताया कि कमरे की चाबी पुलिस के पास ही थी। स्टाफ ने अंदर कुछ भी नहीं किया है।
क्या है पूरा मामला ?-
आरोप है कि कानपुर से आए प्रापर्टी डीलर मनीष कुमार गुप्ता (36 वर्ष) हरियाणा गुड़गांव के रहने वाले दोस्त अरविंद सिंह और दिल्ली के रहने वाले प्रदीप के साथ गोरखपुर के रामगढ़ताल थानाक्षेत्र के देवरिया बाईपास रोड पर स्थित कृष्णा पैलेस के 512 नंबर कमरे में ठहरे थे।
यहां वो अपने दोस्त चंदन सैनी और राणा प्रताप चंद से मिलने के लिए आए थे। सोमवार देर रात अचानक कुछ पुलिसकर्मी उनके कमरे में घुसे और पहचान पत्र मांगने लगे। इस पर मनीष ने कहा कि इतनी रात में पुलिस क्यों आई है? हम आतंकवादी थोड़े हैं।
मनीष ने कहा कि सोते इंसान को उठाकर परेशान कर रहे हैं। यह सुनते ही पुलिस कर्मी नाराज हो गए और मारपीट करने लगे। आरोप है कि मारपीट के दौरान मनीष गुप्ता को गंभीर चोटें आईं। इससे पुलिस कर्मी घबरा गए।
नाक और मुंह से बह रहा था खून–
पुलिस कर्मी होटल के कमरे से मनीष को लिफ्ट में लाए। बताया जा रहा है कि जब पुलिस मनीष को नीचे लाए तो उसकी नाक और मुंह से खून बह रहा था। फिर पुलिस की जीप से उन्हें लेकर छात्रसंघ चौराहे के पास मानसी हॉस्पिटल ले गए।
अस्पताल के चिकित्सकों ने मनीष की हालत गंभीर बताई। लिहाजा, पुलिस कर्मियों ने एंबुलेंस बुलाकर मनीष को अकेले ही बीआरडी मेडिकल कॉलेज भेज दिया। यहां डॉक्टरों ने मनीष को मृत घोषित कर दिया। देर रात ही पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था।
आरोपी फरार-
बता दें कि मनीष गुप्ता की गोरखपुर में हुई हत्या मामले में अब भी आरोपी पकड़ से बाहर है। अब तक आरोपी इंस्पेक्टर जेएन सिंह समेत अन्य आरोपितों को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकी है।
इन लोगों को बनाया गया है आरोपी- मनीष गुप्ता हत्याकांड में पुलिस की ओर से इंस्पेक्टर जेएन सिंह, उप निरीक्षक अक्षय सिंह, उप निरीक्षक विजय यादव सहित तीन अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया है।
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