उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में कानपुर के एक कारोबारी मनीष गुप्ता की हत्या के मामला तूल पकड़ता जा रहा है। हत्या का इल्जाम पुलिसवालों पर है। मनीष गुप्ता हत्याकांड से यूपी पुलिस की खूब किरकिरी हो रही है।
वहीं अब इस मामले में राज्य के एडीजी (लॉ एंड आर्डर) प्रशांत कुमार ने ‘भगदड़ थ्योरी’ पेश की है। हालांकि यह ‘भगदड़ थ्योरी’ मामले में अब तक मिले सबूतों और पोस्टमार्टम की रिपोर्ट के बिल्कुल परे है।
अब तो यहां तक कहा जा रहा है कि एडीजी (लॉ एंड आर्डर) ने अपने कारिंदों को बचाने के लिए ‘भगदड़ थ्योरी’ पेश कर दी। वैसे भी इस मामले में पुलिस आरोपियों को बचाने में लगी ही है।
मनीष गुप्ता हत्याकांड में आई भगदड़ थ्योरी-
एडीजी प्रशांत कुमार के मुताबिक शुरुआत में यह बताया गया कि पुलिस वहां होटल में जांच करने पहुंची थी कि कुछ लोग वहां किन वजहों से रुके हैं? इसी दौरान वहां पर भगदड़ हुई और गिरने से मनीष गुप्ता को चोट आई है।
प्रशांत कुमार ने पुलिस का पक्ष रखते हुए यह भी बताया कि पोस्टमार्टम में भी मनीष गुप्ता के सिर में चोट लगने का मामला सामने आया है। सभी बिंदुओं पर जांच की जा रही है। अगर कोई दोषी है तो उसे बख्शा नहीं जाएगा।
एडीजी ने दी सफाई-
एडीजी के अनुसार गोरखपुर में आदेश के मुताबिक होटलों में ठहरने वालों की सामान्य चेकिंग की जाती है और उसी क्रम में पुलिस की एक टीम उस होटल में गई थी, लेकिन वहां ऐसा क्या हुआ कि यह मौत हो गई। इस बात की गहनता से जांच कराई जा रही है।
प्रशांत कुमार ने बताया कि पीड़ित परिवार ने जो भी लिख कर दिया है, उसे ही एफआईआर में तब्दील किया गया है। आईपीसी की धारा 302 के तहत पुलिसवालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। इस मामले में मुख्यमंत्री के स्तर से जो भी सहायता होगी, वह कराई जाएगी।
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