मणिपुर के मुख्यमंत्री का इस्तीफे से इंकार, समर्थकों ने फाड़ा इस्तीफा…

0

मणिपुर में बढ़ती हिंसा को देखते हुए यह कयास लगाए जा रहें थे. कि यहां के मुख्यमंत्री अपना इस्तीफा दे सकते हैं. सोशल मीडिया पर इस बात की पूरी तरह से पुष्टी हो गई थी. कि वह अपना इस्तीफा शौंप सकते हैं. लेकिन भारी संख्या में लोग उनके समर्थन में उतरे जिसके बाद इस्तीफे की अफवाहों पर अब विराम लग गया है. सीएम एन बीरेन सिंह ने इस्तीफा न देने का ऐलान किया है. वहीं इसके बाद सीएम का फटा हुआ इस्तीफा वायरल हो रहा है. सीएम की ओर से राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात का वक्त मांगा जाना इस बात की ओर इशारा कर रहा था. सीएम ने कहा कि इस वक्त राज्य मुश्किल में हैं इसलिए मैं पद नहीं छोड़ सकता हूं. इससे पहले विपक्ष की सर्वदलीय बैठक में राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की गई थी. केंद्र सरकार की काफी कोशिशों के बाद भी हिंसा की छुटपुट घटनाएं मणिपुर में देखने को मिल रही हैं।

ट्वीट कर दी इस्तीफा न देने की जानकारी…

बता दे कि मुख्यमंत्री एन वीरेन सिंह ने इस्तीफे की अटकलों को खारिज कर दिया है. उन्होंने अपने ट्वीट में साफ किया है कि वह इस्तीफा नहीं दे रहे हैं। हालांकि सोशल मीडिया पर एक उनका इस्तीफे का पेपर वायरल हो रहा है. जो कटा-फटा दिख रहा है. इसको लेकर बताया जा रहा है कि उनके समर्थकों ने इस्तीफे को फाड़ दिया. कहा जा रहा है कि शुक्रवार सुबह जब सीएम एन वीरेन सिंह राजभवन में राज्यपाल अनुसुइया उइके से मिलने जा रहे थे तो पार्टी की महिला कार्यकर्ताओं ने रास्ता रोक लिया. महिला कार्यकर्ताओं ने उनसे इस्तीफा नहीं देने का अनुरोध किया. हालांकि जब एन. वीरेन सिंह ने इस्तीफा नहीं देने की घोषणा की तभी उनका फटा हुआ रिजेग्नेशन वायरल हुआ। सोशल मीडिया पर वायरल इस तस्वीर में फटा हुआ सीएम का इस्तीफा है। लेटर हेड पर 30 जून की तारीख लिखी है। इसके साथ ही उसका नंबर 1/24/2023-CM भी लिखा है। हालांकि सीएम एन. वीरेंद्र सिंह का कहना है कि मैंने ऐसा कोई इस्तीफा नहीं लिखा है।

स्थानीय लोगों ने कहा हमें मुख्यमंत्री पर भरोसा…

मणिपुर के एक स्थानीय निवासी का कहना है. कि हम दो महीने से मणिपुर में हिंसा से जूझ रहे हैं. हम उस दिन का इंतजार कर रहे हैं. जब भारत सरकार और मणिपुर सरकार इस संघर्ष को लोकतांत्रिक तरीके से हल करेगी. ऐसी स्थिति में अगर मणिपुर के सीएम इस्तीफा दे देते हैं, तो लोग यहां कैसे रहेंगे, हमारा नेतृत्व कौन करेगा?  मैं नहीं चाहता कि वह इस्तीफा दें।

क्या है पूरा मामला….

दरअसल मणिपुर में मेइती और कुकी समुदाय के बीच मई की शुरुआत में भड़की जातीय हिंसा में 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं। मणिपुर की 53 प्रतिशत आबादी मेइती समुदाय की है और यह मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहती है। वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है और यह मुख्यत: पर्वतीय जिलों में रहती है।

राहुल गांधी ने हिंसा पर क्या कहा…

उधर, कांग्रेस नेता राहुल गांधी दो दिन का दौरा पूरा होने पर शुक्रवार को दिल्ली लौट गए. राहुल ने शुक्रवार को मोइरांग रिलीफ कैंप में हिंसा प्रभावित से मुलाकात की। फिर उन्होंने कहा- मणिपुर को शांति की जरूरत है. मैं चाहता हूं कि यहां शांति बहाल हो. मैंने कुछ राहत शिविरों का दौरा किया, इन राहत शिविरों में कमियां हैं, सरकार को इसके लिए काम करना चाहिए।

120 से ज्यादा मारे जा चुके लोग…

बीते दिनों हाल ही में मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके ने राज्य की चिंताजनकर स्थिति को लेकर देश के गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी. हालांकि इससे ठीक दो दिन पहले ही मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने भी गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर राज्य की स्थितियों के बारे में बताया था. मणिपुर में कुकी और मैतेई समुदाय के बीच भड़की हिंसा के बीच तीन हजार लोगों के घायल होने के साथ ही करीब 120 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं।

read also- Bank Holiday 2023 : बैंको से जुड़ें सभी कामों जल्द करें पूरा, जुलाई में इतने दिनों के लिए बंद रहेंगे बैंक

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. AcceptRead More