मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट का होगा विकास, जानिए क्या-क्या होंगे बदलाव

0

मणिकर्णिका घाट और हरिश्चंद्र घाट को विकसित करने और इन्हें साफ़ सुथरा बनाने के लिए JCB से सफाई कराई जा रही है. अब इन घाटों पर लकड़ियां भी नहीं रखी जाएगीं. अब ये लकड़ियां गंगा उस पार रखी जाएंगी जिसकी वजह से अब घाट साफ सुथरा दिखेगा. इसी क्रम में महाश्मशान मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट से लकड़ियां हटाई जा रही है. इसको लेकर नगर निगम द्वारा एक योजना बनाई गयी है. इसके तहत अब लकड़ियों को गंगा उस पार रखा जाएगा जिसकी वजह से घाट अब साफ़ सुथरा दिखेगा.

आधुनिक तरीके से अंतिम संस्कार

इसके साथ ही अब शवों का अंतिम संस्कार भी आधुनिक तरीके से किया जा सकेगा. इस योजना को पूरा करने के लिए कई तरह के कार्य कराए जा रहे हैं. गौरतलब है कि जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने पिछले दिनों मणिकर्णिका घाट का निरीक्षण किया था. तब उन्होंने शव ले जाने की प्रक्रिया में बदलाव किया था जिसके बाद नगर निगम प्रशासन ने घाटों से लकड़ियां हटाने का निर्णय लिया है.

कितने रुपए होंगे खर्च

आपको बता दें की मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट के विकास पर 34.85 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है . साथ ही मणिकर्णिका घाट पर विकास कार्यों पर करीब 18 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. इसके तहत मणिकर्णिका घाट क्षेत्र के 29350 वर्गफीट क्षेत्र में काम कराया जाएगा और मणिकर्णिका कुंड को सजाया-संवारा जाएगा. इसके साथ ही शवों को स्नान कराने के लिए कुंड भी बनाया जाएगा. इसी तरह हरिश्चंद्र घाट पर 13250 वर्गफीट में विकास कार्य करवाया जाएगा . इसके निर्माण कार्य पर 16.85 करोड़ रुपये खर्च होने की संभावना है. मलबे को नाव के जरिये गंगा उस पार भेजा जाएगा. स्थानीय लोगों के मुताबिक एक बड़ी नाव से दो जेसीबी मशीनें मंगाई गई हैं.

क्या कहते हैं लकड़ी के कारोबारी

मणिकर्णिका के एक लकड़ी कारोबारी का कहना है कि वह कई पीढिय़ों से लकड़ी का कारोबार कर रहे हैं. अगर लकड़ियों को हटाकर गंगा पार वे ले जाएंगे तो उन्हें काफी मुश्किल होगी. साथ ही जो लोग शवदाह करने के लिए आते हैं उन्हें लकड़ियां गंगा पार से लानी पड़ेंगी जिस वजह से उनके पैसे और अधिक खर्च होंगे. उन्होंने आगे कहा कि अभी यहां पर 700 रुपये मन लकड़ी बिक रही है और लोग 5 , 7 , 9 और 11 मन लकड़ी खरीदकर अपने परिजनों के शव का अंतिम संस्कार करते हैं. साथ ही घी, चंदन की लकड़ी, राल, मारकीन व अन्य पूजा सामग्री खरीदने में 1500 से 3000 रुपये तक खर्च होते हैं.

वाराणसी: शादी के बाद चलती आटो से कूदकर नकदी व जेवर समेत भागी दुल्हन

अधिकारियों का बयान 

इस संबंध में नगर निगम के जोनल अधिकारी संजय कुमार तिवारी का कहना है कि अभी कुछ लकड़ी वालों को हटवाया गया है. जैसे-जैसे काम आगे बढ़ेगा उसके साथ घाट पर रखी लकड़ियों को भी हटवाया जाएगा. फ़िलहाल अभी पुराने निर्माणों को तोड़ा जा रहा है. मशीनें भी आ गयी हैं और मलबा उठाने का काम भी तेजी से चल रहा है.

 

written By – Harsh srivastava

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. AcceptRead More