Mango Diplomacy: पाकिस्तान को गुठली तो क्या आम के दाम तक नहीं मिले

'आम्र कूटनीति' (Mango Diplomacy) काम नहीं आई, अमेरिका-चीन ने कहा अभी नहीं बाद में

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पहले से ही आर्थिक लाचारी झेल रहे पाकिस्तान को कोरोना महामारी के प्रकोप ने और तंगहाल कर दिया है. दुनिया के देशों से मधुर संबंध बनाने पाकिस्तान ने मैंगो डिप्लोमेसी (Mango Diplomacy) का पुराना हथकंडा अपनाया था. अब यह बात अलग है कि; उसके आकाओं को यह चाल लुभा नहीं पाई.

“उल्टे बांस बरेली को”

यह लोकोक्ति पाकिस्तान की मैंगो डिप्लोमेसी (Mango Diplomacy) के मामले में फिट बैठती है. दरअसल पाकिस्तान ने यह सोचकर अमेरिका और चीन को मीठे आम भेजे थे कि आका खुश होगा, शाबाशी देगा.

लेकिन यह क्या दोनों देशों ने उसे टका सा जवाब देकर आम की भेंट स्वीकार तक नहीं की. मतलब उल्टे आम पाकिस्तान को भेज दिये गए.

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बताई वक्त की नजाकत….

पाकिस्तान को मैंगो डिप्लोमेसी (Mango Diplomacy) के मामले में चीन-अमेरिका के सामने मुंह की खानी पड़ी.पाकिस्तान आम्र कूटनीति के तहत तमाम देशों को मैंगो गिफ्ट कर रहा है.

उसके कथित दोस्त चीन और अमेरिका ने पाकिस्तान का यह तोहफा कबूल नहीं किया तो दुनिया में उसकी किरकरी हो गई. दोनों देशों ने कोरोना वायरस के कारण लागू क्वारंटाइन नियमों की नजाकत को देख मैंगो गिफ्ट स्वीकारने से कन्नी काट ली.

देशों ने कहा कि क्वारंटीन नियमों के कारण हम अभी गिफ्ट नहीं स्वीकार कर सकते. अभी हमारी विवशता है. इस कारण पाकिस्तान की आम कूटनीति की चर्चा इन दिनों आम है.

30 से ज्यादा देशों को भेजे आम

समाचार एजेंसी एएनआई की खबरों से इस बात की पुष्टि हुई है. एजेंसी के मुताबिक पाकिस्तान के विदेश कार्यालय (एफओ/FO) ने बुधवार को मैंगो डिप्लोमेसी (Mango Diplomacy) की राह चुनी थी. खबर के अनुसार पाकिस्तान ने 32 से अधिक देशों के प्रमुखों को आम की पेटियां भिजवाईं थीं.

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इन देशों ने भी ठुकराया

द न्यूज इंटरनेशनल के हवाले से जारी एजेंसी की खबर के अनुसार पाकिस्तान ने कनाडा, नेपाल, मिस्र और श्रीलंका भी आम भेजे थे. इन देशों ने भी मैंगो गिफ्ट को स्वीकार नहीं किया.

चौंसा की मैंगो डिप्लोमेसी (Mango Diplomacy)

रिपोर्ट की मानें तो पाकिस्तान के राष्ट्रपति डॉ. आरिफ अल्वी ने इन देशों को चौंसा किस्म का आम भेजा था. अब ईरान, खाड़ी मुल्कों, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, अफगानिस्तान, बांग्लादेश के साथ ही रूस के साथ भी मैंगो डिप्लोमेसी (Mango Diplomacy) की तैयारी चल रही है.

शरीफ के आम

पाकिस्तान की मैंगो डिप्लोमेसी (Mango Diplomacy) नई बात नहीं है. उसने इससे पहले आम तब भारत भेजे थे जब 2015 में पाकिस्तान के प्रधान मंत्री नवाज शरीफ थे. पीएम शरीफ ने भी तब मैंगो डिप्लोमेसी (Mango Diplomacy) का रास्ता अख्तियार किया था.

उस समय शरीफ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ ही कांग्रेस पार्टी की प्रमुख नेता सोनिया गांधी को भी मैंगो गिफ्ट भेजा था.

अब अमेरिका-चीन समेत तमाम देशों के द्वारा पाकिस्तान का गिफ्ट ठुकराए जाने से उल्टे बांस बरेली को वाली कहावत चरितार्थ होते दुनिया देख रही है.

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