35 साल बाद मेनका गांधी सुलतानपुर से दोबारा भरा नामांकन
पहली बार मेनका गांधी 1984 में अमेठी लोकसभा सीट से अपने जेठ राजीव गांधी के खिलाफ निर्दलय प्रत्याशी के तौर पर चुनावी मैदान में उतरी थीं। उस दौरान अमेठी अलग जिला नहीं था। लिहाजा उन्होंने सुल्तानपुर कलेक्ट्रेट में ही नामांकन किया था। इसके 35 वर्ष यानि 2019 में आज वह दूसरी बार फिर इसी कलेक्ट्रेट में अपना नामांकन दाखिल किया। इस बार वह भाजपा प्रत्याशी के तौर पर यहां पहुंची।
सुल्तानपुर से बीजेपी प्रत्याशी और केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी के नामांकन के दौरान उनके साथ निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद, प्रदेश के ग्रामीण अभियंत्रण विभाग मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह और प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. राकेश त्रिवेदी भी मौजूद रहे।
रोड शो कर दिखाया दमखम-
इससे पहले मेनका गांधी ने रोड शो कर अपना दमखम दिखाया। इस रोड शो में भारी संख्या में समर्थकों का हुजूम उमड़ा। समर्थकों ने कई तरह के पोस्टर हाथों में लिए थे। शहर का भ्रमण करते हुए वह कलेक्ट्रेट पहुंची।
1984 का चुनाव देश में गांधी परिवार की राजनीति की दिशा व दशा तय करने वाला था। साथ ही यह भी तय होना था कि आगे चलकर किस गांधी परिवार का राजनीति में वर्चस्व स्थापित होगा। आखिरकरार मेनका गांधी को भारी अंतर से राजीव गांधी से पराजित होना पड़ा था।
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