माल्या व ललित मोदी प्रत्यर्पण मामले में सरकार को मिली लताड़
शराब कारोबारी विजय माल्या और पूर्व आईपीएल कमिश्नर ललित मोदी के ब्रिटेन से प्रत्यर्पण को लेकर हो रही देरी पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त नाराज़गी जताते हुए केंद्र सरकार की ‘मंशा’ पर सवाल उठाए हैं। जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने पूछा, ‘ये आपका कैसा रवैया है? आपको सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की भी परवाह नहीं। हमने विदेश मंत्रालय के कई अधिकारियों को चेतावनी भी दी, लेकिन फिर भी आपने कोई कार्रवाई नहीं की।
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आखिर प्रत्यर्पण में इतनी देरी क्यों ?
बेंच ने इस मामले में सरकार और विदेश मंत्रालय की तरफ से पेश अतिरिक्त महाधिक्ता (एडिशनल सॉलिसिटर जनरल) मनिंदर सिंह और वरिष्ठ वकील वी. मोहन्ना से पूछा, ‘कोई भाग गया है, लेकिन सरकार इसे लेकर कुछ नहीं कर रही। पिछले 8 महीने से हम इस मामले में लगातार आदेश जारी कर रहे हैं, लेकिन आपने कुछ नहीं किया। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि कोर्ट के आदेश के बावजूद केंद्र प्रत्यर्पण में इतनी देरी क्यों कर रही है? जजों ने सरकारी पक्ष से पूछा कि कोर्ट के आदेश को गंभीरता से क्यों नहीं लिया जा रहा है?
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अगली सुनवाई 15 दिसंबर को
सुप्रीम कोर्ट ने इशारा किया कि अगर मंत्रालय उनका आदेश नहीं मानेगा तो कोर्ट मंत्रालय को समन भी कर सकता है। बेंच ने कहा, ‘हम लगता है कि हमें अब विदेश मंत्रालय के सचिवों को समन करना होगा। अब आगे यही एक रास्ता दिखता है।’ इस पर अतिरिक्त महाधिवक्ता सिंह ने पर्याप्त सहायता की कमी को लेकर खेद जताया और कहा कि वह यह सुनिश्चित करेंगे कि विदेश मंत्रालय से स्पष्ट निर्देश प्राप्त हो। शीर्ष अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार 15 दिसंबर को तय की है। कोर्ट ने इसके साथ ही साफ किया कि तब तक इस मामले में प्रत्यर्पण से जुड़ी सारी औपचारिकताएं पूरी कर ली जानी चाहिए।