बदल जाएगा राजधानी और शताब्दी का हुलिया
भारतीय रेल राजधानी और शताब्दी ट्रेनों का कायाकल्प करने की योजना पर तेजी से काम कर रहा है। इस अक्टूबर से ट्रेनों में कैटरिंग के लिए ट्रोली सर्विस, यूनिफॉर्म में विनम्र स्टाफ और यात्रा के दौरान मनोरंजन, ये सब कुछ देखने को मिलेगा। रेल यात्रा को मनोरंजक और आरामदायक बनाने के लिए रेलवे 30 प्रीमियर ट्रेनों का हुलिया बदलने जा रहा है। इनमें 15 राजधानी और 15 शताब्दी ट्रेनें शामिल हैं। इस काम में 25 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है।
अक्टूबर में बदल जाएगा इन ट्रेनों का हुलिया
अक्टूबर महीने से शुरू होने वाले त्योहारी मौसम में ज्यादा-से-ज्यादा यात्रियों को लुभाने के लिए रेलवे ने स्वर्ण परियोजना के तहत तीन महीने का कार्यक्रम शुरू किया है। इसमें कोच के अंदरूनी हिस्से को आकर्षक बनाने, शौचालय व्यवस्था में सुधार और कोचों की सफाई पर ध्यान दिया जा रहा है। दरअसल, इन ट्रेनों में कैटरिंग, लेटलतीफी, शौचालय की गंदगी समेत कई तरह की शिकायतें मिलती रही हैं।
हुलिया बदलने के अलावा सुरक्षा भी होगी कड़ी
इस प्रॉजेक्ट से जुड़े रेलवे मिनिस्ट्री के अधिकारी ने कहा कि इन प्रीमियर ट्रेनों में सर्विसेज सुधारने का फैसला लिया गया है और इसी के अनुरूप तीन महीने के लिए स्वर्ण परियोजना शुरू की गई है। इस परियोजना में इन ट्रेनों में आरपीएफ जवानों की पर्याप्त तैनाती के साथ सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने का भी विचार है।
शुरुआत में 15 राजधानी एक्सप्रेस का होगा सर्विस अपग्रेडेशन
जिन 15 राजधानी एक्सप्रेस ट्रेनों का चयन सर्विस अपग्रेडेशन के लिए हुआ है, उनमें मुंबई, हावड़ा, पटना, रांची और भुवनेश्वर राजधानी ट्रेनें शामिल हैं। इसी तरह हावड़ा-पुरी, नई दिल्ली-चंडीगढ़, नई दिल्ली-कानपुर, हावड़ा-रांची, आनंद विहार-काठगोदाम आदि कुल 15 शताब्दी ट्रेनों का भी कायाकल्प होना है।
ट्रेनों में फिल्म, सीरियल, म्यूजिक और मनोरंजन की व्यवस्था
अधिकारी ने कहा कि प्रीमियर ट्रेनों की लेटलतीफी कम करके इनकी पंक्चुअलिटी में सुधार के कदम उठा जाएंगे। कायाकल्प की प्रक्रिया में स्टाफ को साफ-सफाई और खाना पहुंचाने के लिए ट्रोली के इस्तेमाल का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रीमियर ट्रेनों के इन स्टाफ के लिए नए यूनिफॉर्म डिजाइन किए गए हैं। वहीं, यात्रियों को ट्रेनों में फिल्म, सीरियल, म्यूजिक समेत मनोरंजन के अन्य साधन उपलब्ध कराए जाएंगे।