MAHASHIVRATRI: बाबा विश्वनाथ को लगेगी हल्दी, होगा विवाह
वाराणसी में महादेव( mahadev) की विशेष कृपा रहती है. उनके विवाह ( vivah ) को लेकर विशेष उत्सव की तैयारी जोरों पर है. फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी पर 8 मार्च को महाशिवरात्रि 9 mahashivratri) पर शिव-पार्वती विवाह के उत्सव का क्रम 6 मार्च बुधवार से विश्वनाथ मंदिर के महंत आवास पर आरंभ हो जाएगा. टेढ़ीनीम स्थित महंत आवास पर बाबा के रजत विग्रह के समक्ष हल्दी तेल का लोकाचार पूर्ण किया जाएगा. संध्याबेला में महादेव को हल्दी लगाई जाएगी. इसके पूर्व बसंत पंचमी पर बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ की प्रतिमा के समक्ष तिलकोत्सव की परंपरा का निर्वाह किया गया था.
हल्दी की रस्म के लिए गवनहिरयों की मंडली संध्या बेला में महंत आवास पर जमा होगी. एक तरफ मंगल गीतों के गान के बीच बाबा को हल्दी लगाई जाएगी. यह रस्म विश्वनाथ मंदिर के मंहत डा. कुलपति तिवारी के सानिध्य में होगी. मांगलिक गीतों से महंत आवास गुंजायमान होगा. ढोलक की थाप और मंजीरे की खनक के बीच शिव-पार्वती के मंगल दाम्पत्य की कामना के गीत मुखर होंगे.
शिवांजलि में होगा बखान
हल्दी के पारंपरिक शिव गीतों में दूल्हे की खूबियों काबखान कर शिवांजलि प्रस्तुत की जाएगी. वहीं इन्हीं गीतों के जरिये भूतभावन महादेव को दुल्हन का ख्याल रखने की ताकीद भी दी जाएगी. शिवाजंलि के संयोजक संजीव रत्न मिश्र ने बताया कि इस अवसर परशिवांजलि के तहत मथुरा से आमंत्रित कलाकार का कथक नृत्य होगा. अन्य स्थानीय कलाकार भजनों की प्रस्तुति करेंगे. शिवांजलि के ट्रस्टी व अंक शास्त्री पं. वाचस्पतितिवारी ने बताया कि महाशिवरात्रि की महानिशा के चारों प्रहर में महंत परिवार द्वारा की जाने वाली बाबा विश्वनाथ की आरती के विधान पूर्ण करने की तैयारी कर ली गई है. महंत परिवार के सदस्यों के मार्ग दर्शन में बाबा विश्वनाथ और माता पार्वती के विवाह का कर्मकांड पूर्ण परंपरानुसार पूर्ण किया जाएगा.
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शिवबरात की अलग होगी आभा
महाशिवरात्रि पर काशी में इस बार शिव बरात की अलग ही आभा दिखेगी. 10 फीट के शेर और 14 फीट के नंदी पर भगवान शंकर और मां गौरा विराजेंगी तो बाबा के गण वाद्ययंत्रों पर थिरकते और उनकी भक्ति में मगन होकर चलेंगे. शिवबरात में इस बार भोले बाबा बॉडी बिल्डर के रूप में दिखेंगे तो मां पार्वती दुल्हन के रूप में दर्शन देंगी. मां पार्वती शिवलिंग का अभिषेक करते भी झांकी सजाई जाएगी. महाशिवरात्रि को देखते हुए शिव और मां पार्वती की प्रतिमाएं विभिन्न थीम पर बन रही हैं. इनमें कुछ प्रतिमाएं शिव बरात में शामिल होंगी तो कुछ मंदिरों में स्थापित की जाएंगी. बाबा कालभैरव मंदिर परिसर में महाशिवरात्रिपर भगवान शिव व गौरा की भी झांकी सजाई जाएगी. मगर पहली बार बाबा व माता पार्वती को बाल रूप में दिखाया जाएगा.