प्रयागराजः महाकुंभ के पहले दो अमृत स्नान पर्वों, मकर संक्रांति और मौनी अमावस्या के दौरान बैरिकेडिंग टूटने और भगदड़ की घटनाएं हुईं. इन घटनाओं से सबक लेते हुए प्रशासन ने वसंत पंचमी के अमृत स्नान को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने की नई रणनीति बनाई है.
इस तरह करेंगे भीड़ नियंत्रण
मकर संक्रांति और मौनी अमावस्या के स्नान के दौरान बैरिकेडिंग टूटने की घटनाओं को देखते हुए प्रशासन ने वसंत पंचमी पर विशेष सतर्कता बरतने का फैसला किया है. संगम क्षेत्र में स्नान के लिए श्रद्धालुओं के प्रवेश और निकासी को चरणबद्ध तरीके से नियंत्रित किया जाएगा.
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संगम क्षेत्र प्रबंधन: स्नान समाप्त होते ही परेड और पार्किंग क्षेत्रों में ठहरे श्रद्धालुओं को धीरे-धीरे निकाला जाएगा, जिसके बाद नए श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जाएगा.
वैकल्पिक स्नान घाट: संगम क्षेत्र में भीड़ अधिक होने पर श्रद्धालुओं को रामघाट, काली घाट और दारागंज दशाश्वमेध घाट की ओर मोड़ा जाएगा.
गंगा पथ मार्ग से प्रतिबंध: श्रद्धालुओं को गंगा पथ मार्ग से प्रवेश नहीं दिया जाएगा, जिससे भीड़ पर नियंत्रण रखा जा सके.
होल्डिंग एरिया की सख्त निगरानी
श्रद्धालुओं को नियंत्रित करने के लिए होल्डिंग एरिया में विशेष प्रबंध किए गये हैं.
सीसीटीवी से निगरानी: होल्डिंग एरिया में भीड़ की स्थिति पर नज़र रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं.
भीड़ पर चरणबद्ध नियंत्रण: अत्यधिक भीड़ होने की स्थिति में लोगों को सड़क पर निकाला जाएगा और दूसरे होल्डिंग एरिया में भेजा जाएगा, ताकि भगदड़ की स्थिति न बने.
अन्य जिलों से आने वाले श्रद्धालु पर भी नियंत्रण: मेला क्षेत्र में अधिक भीड़ होने की स्थिति में शहर और आसपास के जिलों में श्रद्धालुओं को रोक दिया जाएगा. जब मेला क्षेत्र खाली हो जाएगा, तभी दूसरे जिलों से श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जाएगा.
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कंट्रोल रूम से समन्वय
श्रद्धालुओं की सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण के लिए प्रशासन ने आईट्रिपलसी और प्रयागराज जंक्शन पर कंट्रोल रूम बनाए गए हैं. शासन द्वारा भेजे गए पांच विशेष अधिकारी भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी करेंगे.
मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत ने कहा, “सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है. इसे लेकर सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे और पुलिस-प्रशासन के बीच बेहतर समन्वय सुनिश्चित किया जाएगा.”