दिल्ली के रामलीला मैदान में आज महारैली, आप लड़ेगी केंद्र के खिलाफ अधिकारों की लड़ाई

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दिल्ली में आज रविवार को आम आदमी पार्टी रामलीला मैदान में महारैली करेगी। यह महारैली दिल्ली में अधिकारियों की नियुक्ति और तबादले को लेकर केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश के विरोध में की जा रही है। बताया जा रहा है कि इस महारैली का एक बिंदु आप पार्टी का शक्ति प्रदर्शन करना भी है। खास बात ये है कि इस महारैली में आप पार्टी ने अन्य पार्टियों के नेताओं को निमंत्रण नही दिया है।

8 साल बाद आप की महारैली

दिल्ली में अरविंद केजरीवाल करीब आठ साल बाद पहली महारैली करने जा रहे हैं। दिल्ली में सरकार बनाने से पहले अरविंद केजरीवाल अन्ना हजारे के साथ कई रैलियों व प्रदर्शन का हिस्सा हुआ करते थे। फिर सरकार बनते ही अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने कई छोटी-मोटी प्रदर्शन रैलियां निकाली हैं। लेकिन यह महारैली आप के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि इसमें दिल्ली सरकार के अधिकार निर्भर करते हैं। इसे सफल बनाने के लिए पार्टी ने पूरी ताकत झोंक रखी है। इसी के तहत आज महारैली में आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल केंद्र सरकार के खिलाफ हुंकार भरेंगे।

महारैली में शामिल होंगे 1 लाख लोग 

आप प्रवक्ता ने दावा किया है कि रैली में करीब एक लाख लोगों के शामिल होने की संभावना है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि स्थानीय पुलिस के साथ अर्धसैनिक बलों की लगभग 12 कंपनियां कार्यक्रम स्थल पर तैनात की जाएंगी। उन्होंने कहा कि सीसीटीवी से भी निगरानी की जाएगी। मैदान के एंट्री गेट पर मेटल डिटेक्टर लगाए जाएंगे। रैली स्थल में प्रवेश करने वालों की तलाशी ली जाएगी। अधिकारी ने कहा कि जिले के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर मौजूद रहेंगे। रैली में बड़ी संख्या में लोगों के शामिल होने की उम्मीद है, जिसके कारण दिल्ली ट्रैफिक पुलिस को भी कार्यक्रम के दौरान वाहनों की आवाजाही को नियंत्रित करने के लिए कहा गया है।

रामलीला मैदान पर होगा दिल्ली पुलिस का पहरा

आज रामलीला मैदान में दिल्ली पुलिस पहरेदारी करेगी। दिल्ली पुलिस ने कहा कि रामलीला मैदान और उसके आसपास सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं, जहां आम आदमी पार्टी राष्ट्रीय राजधानी में सेवाओं के नियंत्रण पर केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ रविवार को “महारैली” आयोजित करेगी। पुलिस ने कहा कि फायर टेंडर और एंबुलेंस भी वहां तैनात किए जाएंगे। ट्रैफिक पुलिस ने एडवाइजरी जारी कर महाराजा रणजीत सिंह मार्ग, मीर दर्द चौक, अजमेरी गेट, जेएलएन मार्ग, भवभूति मार्ग, मिंटो रोड, दिल्ली गेट, कमला मार्केट से हमदर्द चौक तक और पहाड़गंज चौक के आसपास डायवर्जन प्वाइंट बनाया है।

फोर्स की 12 कंपनियां होंगी तैनात

आप प्रवक्ता रीना गुप्ता ने कहा कि वे रैली में एक लाख लोगों के शामिल होने की उम्मीद कर रहे हैं, पार्टी ने लोगों को अध्यादेश और उनके दैनिक जीवन पर इसके प्रभाव के बारे में सूचित करने के लिए व्यापक अभियान चलाया है। रीना गुप्ता ने पीटीआई-भाषा से कहा, “हमने व्यापक अभियान चलाया है, लोगों तक पहुंचे हैं और उन्हें अध्यादेश के बारे में बताया है और यह बताया है कि यह उनके दैनिक जीवन को कैसे प्रभावित करेगा।” आप प्रवक्ता ने दावा किया कि रैली में करीब एक लाख लोगों के शामिल होने की संभावना है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि स्थानीय पुलिस के साथ अर्धसैनिक बलों की लगभग 12 कंपनियां कार्यक्रम स्थल पर तैनात की जाएंगी। उन्होंने कहा कि सीसीटीवी से भी निगरानी की जाएगी।

दिल्ली की सड़कों पर रहेगा डायवर्जन

बता दें, रविवार को सुबह 8 बजे सलाहकार ने कहा कि रणजीत सिंह फ्लाईओवर पर बाराखंभा रोड से गुरु नानक चौक, मिंटो रोड से कमला मार्केट के चक्कर लगाने, विवेकानंद मार्ग, जेएलएन मार्ग (दिल्ली गेट से गुरु नानक चौक), चमन लाल मार्ग आदि पर यातायात प्रतिबंध/विनियमन/डायवर्जन लगाया जा सकता है। आगे उन्होंने कहा कि लोगों को सलाह दी जाती है कि वे इन सड़कों/खिंचावों से बचें। रेलवे स्टेशनों और आईएसबीटी जाने वाले यात्रियों को हाथ में पर्याप्त समय लेकर निकलना चाहिए। इसमें कहा गया है कि सड़कों की भीड़ कम करने में मदद के लिए लोगों को सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करना चाहिए और वाहनों को केवल निर्दिष्ट पार्किंग स्थल पर ही पार्क किया जाना चाहिए। एडवाइजरी में कहा गया है कि अगर कोई संदिग्ध/अज्ञात वस्तु या व्यक्ति संदिग्ध परिस्थितियों में देखा जाता है, तो इसकी सूचना पुलिस को दी जानी चाहिए।

19 मई को जारी हुआ था अध्यादेश

गौरतलब है कि केंद्र द्वारा 19 मई को जारी अध्यादेश ने एक राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण की स्थापना की, जो सेवाओं से संबंधित मामलों पर कार्यकारी नियंत्रण को अपने डोमेन में वापस लाता है। यह 11 मई को सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के तुरंत बाद जारी किया गया था, जिसके माध्यम से दिल्ली सरकार को सेवा से संबंधित मामलों पर कार्यकारी नियंत्रण दिया गया था। जिसमें दिल्ली सरकार के अधिकारियों के स्थानांतरण और पोस्टिंग शामिल थे, लेकिन पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था और भूमि शामिल नही थे।

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