बच गया मदरसा एक्ट! … SC ने HC के फैसले पर लगाई रोक, कहाँ- चलते रहेंगे स्कूल
यूपी: प्रदेश में संचालित मदरसा ( UP MADARSA) स्कूल को लेकर बड़ी खबर आ रही है. सुप्रीम कोर्ट ( SUPREME COURT ) ने आज सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ( HIGH COURT ) के उस फैसले पर रोक लगा दी है जिसमें कहा गया था कि ‘ यूपी बोर्ड मदरसा एजुकेशन एक्ट 2004’ को असंवैधानिक है. इतना ही नहीं सुनवाई के दौरान के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि- “इलाहाबाद हाईकोर्ट का यह निष्कर्ष कि मदरसा बोर्ड की स्थापना धर्मनिरपेक्षता यानी सेक्युलरिज्म के सिद्धांतों का उल्लंघन है”
HC का फैसला सही नहीं- SC
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट का फैसला सही नहीं है. SC के आदेश के अनुसार अभी प्रदेश में मदरसा चलते रहेंगे. SC ने यह कहा कि हाइकोर्ट का प्रथम दृष्टयता यह कहना कि यह धर्मनिरपेक्षता का उल्लंघन है. बता दें कि हाईकोर्ट ने अपने आदेश में इसे असंवैधानिक करार दिया था. इसी मामले में कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी किया है.
अभिषेक मनु सिंघवी का बयान…
बता दें कि यूपी मदरसा बोर्ड की तरफ से पैरवी कर रहे अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हाईकोर्ट का अधिकार नहीं बनता कि वह इस एक्ट को रद्द कर सके. सिंघवी ने कहा कि कोर्ट के इस फैसले से राज्य में चल रहे लगभग 25 हजार मदरसों के करीब 17 लाख पढ़ रहे छात्र प्रभावित हुए हैं. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि 2018 में यूपी सरकार के आदेश के मुताबिक इन मदरसों में विज्ञान, पर्यावरण, मैथ यानी गणित जैसे विषय पढ़ाए जाते हैं जबकि कुरान को एक विषय के रूप में पढ़ाया जाता है.
22 मार्च को HC ने सुनाया था फैसला…
बता दें कि प्रदेश में संचालित मदरसा स्कूल को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने गत 22 मार्च को यूपी बोर्ड ऑफ मदरसा एजुकेशन एक्ट 2004 को असंवैधानिक करार दिया था. जिसमें कहा गया था कि उक्त अधिनियम पंथ निरपेक्षता के सिद्धांतों का उल्लंघन कर रहा था.
Also Read: यूपी के पांच सीटों पर फंसा है पेंच, बीजेपी संग कांग्रेस ने भी नहीं उतारे प्रत्याशी
प्रदेश में संचालित है 15 हजार से अधिक मदरसे…
बता दें कि प्रदेश में वैध- अवैध तरीके से करीब 15 हजार से अधिक मदरसे संचालित है. इसमें करीब 17 लाख से अधिक छात्र पढ़ते हैं और लगभग 10 हजार शिक्षक कार्यरत हैं. इतना ही नहीं यह भी कहा जाता रहा है कि इन मदरसों में विदेशों से फंडिंग होती है जिसके चलते आतंक बढ़ता है.