मध्यप्रदेश की सत्ता के ‘नाथ’ बनेंगे ‘कमल’
मध्य प्रदेश में चुनाव परिणाम के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर रस्साकसी का दौर जारी है। लंबे समय से कांग्रेस कार्यालय में मुख्यमंत्री पद को मंथन जारी है। कयास लगाए जा रहे हैं कि मुख्यमंत्री का ताज कमलनाथ के सिर ही चढ़ेगा। राजस्थान में कांग्रेस विधायकों की बैठक हो चुकी है, मध्य प्रदेश में यह जारी है, जबकि छत्तीसगढ़ में यह रात में होगी।
इस बीच सबसे बड़ा सस्पेंस यह है कि इन राज्यों में मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठेगा कौन? राजस्थान में पार्टी के विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री के नाम पर चर्चा जरूर हुई, लेकिन कोई आम सहमति नहीं बन पाई। अशोक गहलोत और सचिन पायलट खेमे आमने-सामने हैं। मध्य प्रदेश में भी मामला प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच फंसा है, तो छत्तीसगढ़ में कुर्सी के चार दावेदार हैं। फैसला अब पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को करना है ।
इस बीच खबर यह आ रही है कि कांग्रेस राजस्थान की कमान बारी-बारी से गहलोत और पालयलट को सौंपने के फॉर्म्युले पर विचार कर रही है। बता दें कि अभी यह कयास ही है। जयपुर में कांग्रेस कुछ देर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकती है। माना जा रहा है कि इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी की तरफ से मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान कर दिया जाएगा।
पार्टी हाईकमान के हाथ अंतिम फैसला
राजस्थान में सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर कड़ी टक्कर है। दोनों नेताओं के समर्थक अपने नेता का दावा मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। खबरें हैं कि पार्टी राहुल गांधी ने खुद कई कार्यकर्ताओं और नेताओं को फोन कर इस मामले पर उनकी राय जानी है। खबर है कि अशोक गहलोत ने विधायक दल की बैठक में प्रस्ताव रखा कि पर्यवेक्षक द्वारा विधायकों से रायशुमारी के बाद पार्टी आलाकमान पर अंतिम फैसला छोड़ दिया जाए। इसके बाद सचिन पायलट और सीपी जोशी ने भी इस प्रस्ताव का समर्थन किया।
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ऐसी भी खबरें हैं कि कुछ नेताओं की तरफ से यह फॉर्म्युला भी सुझाया गया है कि बारी-बारी अशोक गहलोत और सचिन पायलट को सीएम बनाया जाए। हालांकि इस फॉर्म्युले को लेकर अधिकारिक तौर पर कुछ भी साफ नहीं है। हालांकि विधायक दल की बैठक के बाद सभी विधायकों से कहा गया है कि वे लोग वहां से जाना चाहें तो जा सकते हैं। पार्टी हाईकमान की तरफ से जो भी फैसला लिया जाएगा, उस संबंध में सभी विधायकों को सूचित कर दिया जाएगा।
इस बीच एक टीवी चैनल से बातचीत में पार्टी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, ‘निश्चित रूप से, मुख्यमंत्री के रूप में सेवा करना मेरे लिए सम्मान की बात होगी।’ उन्होंने कहा कि यदि पार्टी चाहे तो वह इस काम के लिए तैयार हैं। सिंधिया ने कहा, ‘में लोगों का सेवक हूं, था और रहूंगा। यह किस रूप में होगा, यह पार्टी को तय करना है।’
भोपाल में विधायक दल की बैठक भी होने वाली है
मध्य प्रदेश में पार्टी अध्यक्ष कमलनाथ ने बीएसपी और अन्य विधायकों समेत 121 विधायकों के समर्थन की सूची राज्यपाल को सौंप दी है। इसमें एमपी में कांग्रेस के 114, बीएसपी के 2, एसपी के 1 और 4 निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी शामिल है। इस बीच भोपाल में विधायक दल की बैठक भी होने वाली है। पार्टी की तरफ से बतौर पर्यवेक्षक भेजे गए पार्टी के सीनियर नेता एके एंटनी विधायकों से सीएम के नाम पर चर्चा करेंगे।
कार्यकर्ताओं से सीएम का नाम पूछा जा रहा है
छत्तीसगढ़ में विधायक दल की बैठक से पहले सीएम के नाम को लेकर आम सहमति बनाने की कोशिश हो रही है। बताया जा रहा है कि कार्यकर्ताओं के पास राहुल गांधी की आवाज में रेकॉर्डेड फोन कॉल आए हैं। इनमें कार्यकर्ताओं से सीएम का नाम पूछा जा रहा है। शाम को 7 बजे विधायक दल की बैठक में सीएम के नाम पर चर्चा होगी। पार्टी के चार बड़े नेताओं का नाम इसके लिए सबसे आगे हैं। इनमें पार्टी का ओबीसी चेहरा माने जाने वाले ताम्रध्वज साहू का नाम भी शामिल है। 2019 के चुनाव के लिए साहू पार्टी के लिए फायदेमंद माने जा रहे हैं। पाटन से चार बार विधायक रहेऔर अजीत जोगी सरकार में मंत्री रहे भूपेश बघेल का नाम भी इस लिस्ट में है। इसके अलावा चरणदास महंत और टीएस सिंह देव भी कुर्सी के दावेदारों में हैं।
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