लखनऊ: इस मंदिर में पूजा करने से प्राप्त होती है शत्रु पर विजय, मान्यताएं जानकर चौंक जाएंगे आप
यूपी की राजधानी लखनऊ में ऐसी कई अद्भुत इमारतें और मंदिर हैं, जिनका अपना एक गौरवशाली इतिहास है. मगर, क्या आपको पता है कि यहां पर एक ऐसा मंदिर है जिसमें पूजा करने पर शत्रु पर विजय प्राप्त होती है. इस मंदिर की ऐसी मान्यताएं हैं जिन्हें जानकर आप हैरान रह जाएंगे. दरअसल, इस मंदिर का नाम श्री बटुक भैरव नाथ जी मंदिर है, जोकि 500 वर्ष पुराना है.
कहा जाता है कि खास तौर पर लगातार 21 रविवार के दिन अगर इस मंदिर में आकर चार मुखी दीपक जलाया जाए तो चारों दिशाओं से आने वाले संकट कट जाते हैं. तो आइये जानते है श्री बटुक भैरव नाथ जी मंदिर के रहस्यों के बारे में…
500 वर्ष प्राचीन श्री बटुक भैरव नाथ जी मंदिर लखनऊ के वजीरगंज में स्थित है. श्री बटुक भैरव नाथ जी मंदिर में रविवार के दिन ही विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. रविवार के दिन विशेष तौर पर सबसे ज्यादा भक्तों की भीड़ यहां पर लगती है. इस मंदिर में एक मान्यता यह भी है कि यहां पर आकर कुत्तों को अगर बिस्किट खिलाया जाए तो हर मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
मंदिर के पुजारी के मुताबिक, श्री बटुक भैरव नाथ जी मंदिर नवाबों के वक्त का है और नवाबों ने ही इसे बनवाया था. बटुक भैरव को सभी ग्रहों पर विजय प्राप्त है, इसीलिए यहां पर पूजा आराधना करने से मनोकामना पूर्ण होती हैं.
इस मंदिर में श्री बटुक भैरव नाथ जी का बाल रूप है. कहते हैं कि इस मंदिर में दिनभर बाबा की आंखों की दिशा बदलती रहती है. इतना ही नहीं पूरे यूपी में दो ही बेहद प्राचीन और मशहूर बटुक भैरव के मंदिर हैं. जिसमें पहला वाराणसी में हैं, जहां पर काशी के कोतवाल के नाम से उनकी पूजा की जाती है और दूसरा लखनऊ में श्री बटुक भैरव नाथ जी मंदिर है, जहां पर इनके बाल रूप की पूजा की जाती है. यहां इन्हें लखनऊ का कोतवाल भी कहते हैं.
श्री बटुक भैरव नाथ जी मंदिर में बाबा का मुख उत्तर दिशा की ओर है. मंदिर की आरती सुबह 08:00 बजे और फिर शाम 07:00 बजे होती है. यह मंदिर सुबह 05:00 बजे खुलता है और रात में करीब 10:00 बजे बंद हो जाता है. दोपहर 12:00 बजे इस मंदिर बंद रहते हैं और फिर करीब 03:00 बजे के आसपास खुल जाते हैं.