लखनऊ: इस सिद्धपीठ हनुमान मंदिर से हुई थी बड़े मंगल की शुरुआत, बेगम संग हाजरी लगाते थे नवाब, रामायण काल से जुड़ा है इतिहास

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मुस्कुराइए आप लखनऊ में हैं… यूपी की राजधानी की प्रसिद्द ये टैगलाइन यहां स्थापित प्राचीन मंदिरों, ऐतिहासिक इमारतों और स्वादिष्ट पकवानों के लिए दुनिया भर में मशहूर है. अदब और नजाकत वाले नवाबों के शहर लखनऊ में हमेशा से ‘पहले आप’ की कहने की तहजीब रही है. इसी कड़ी में आज आपको यहां पर स्थापित प्राचीन हनुमान मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं. इस हनुमान मंदिर का इतिहास रामायण काल से जुड़ा है. इसी वजह से मंदिर को सिद्धपीठ भी कहा जाने लगा. शहर में होने वाले बड़े मंगल की शुरुआत भी इसी मंदिर से प्रारंभ हुई थी.

Lucknow Siddhapeeth Hanuman Temple Ramayana

 

यह हनुमान मंदिर लखनऊ के अलीगंज में स्थापित है. इसके इतिहास के बारे में कहा जाता है कि जब माता सीता को लक्ष्मण जी वनवास छोड़ने जा रहे थे, तो शाम हो जाने की वजह से माता सीता ने यहां विश्राम किया था. इस दौरान लक्ष्मण जी, लक्ष्मण टीला चले गए थे. हनुमान जी, माता सीता की रक्षा के लिए यही पर मौजूद थे. तभी से इसे सिद्धपीठ कहा जाने लगा. इस मंदिर में हनुमान जी का मुख उत्तर दिशा की ओर है. प्रतिदिन यहां पर सैकड़ों की संख्या में भक्त आते हैं. इस मंदिर की परिक्रमा करना बेहद शुभ माना जाता है.

Lucknow Siddhapeeth Hanuman Temple Ramayana

 

हनुमान मंदिर की महिमा से अवध के आखिरी नवाब वाजिद अली शाह भी इतना ज्यादा प्रभावित हुए थे कि वो अपनी बेगम के साथ इस मंदिर में आते थे और यहां पर भंडारे करते थे. इसके साथ ही बंदरों को चना खिलाया करते थे. इतना ही नहीं, नवाब वाजिद अली शाह की बेगम ने बड़े मंगल पर यहां से भंडारे की शुरुआत की थी, जो हर साल लखनऊ के जेठ महीने में बेहद धूमधाम से मनाया जाता है. उन्होंने सौंदर्यीकरण कर हनुमान मंदिर के ऊपर चांद लगवाया था, जो कि आज भी मंदिर के शिखर पर मौजूद है. इस बात का जिक्र लखनऊ के इतिहासकार स्व. डॉ. योगेश प्रवीण ने अपनी किताब लखनऊ नामा में किया है.

इस मंदिर के महंत गोपालदास ने बताया ‘मंदिर का निर्माण वर्ष 1783 में किया गया था. यह मंदिर विग्रह स्वयंभू है. यहां साक्षात हनुमान जी विराजमान हैं. इतना ही नहीं ऐसा कहा जाता है कि यहां के एक महंत को निर्माण कार्य के वक्त हनुमान जी ने साक्षात दर्शन दिए थे, तभी से इसे सिद्ध पीठ मानते हैं.’

Lucknow Siddhapeeth Hanuman Temple Ramayana

 

यह मंदिर सुबह 05:00 बजे खुलता है और दोपहर में 12:00 बजे बंद हो जाता है. फिर शाम को 04:00 बजे खुलता है और रात 10:00 बजे बंद हो जाता है. यहां पर आरती सुबह 09:00 बजे और रात में 9:00 बजे ही होती है. हनुमान जी के अलावा यहां पर राम दरबार और सरस्वती मां विराजित हैं.

 

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