Loksabha 2024: सीटों के गठबंधन से तय होगा पार्टियों का भविष्य

भाजपा के खिलाफ सीधे लड़ रही है कांग्रेस

0

नई दिल्ली : देश में आगामी होने वाले लोकसभा चुनाव में केंद्र की मोदी सरकार को हटाने के लिए विपक्षियों द्वारा बनाए गई इंडिया गठबंधन की समस्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है. वहीं अब लोकसभा चुनाव से पहले ‘I.N.D.I.A’ में सीटों के बंटवारे की बहुप्रतीक्षित बातचीत शुरू हो गई है, जिसमें नेताओं को कई तरह गलतफहमियां और अड़चनें झेलनी पड़ रही हैं. शुरुआत से ही स्पष्ट है कि 2024 के लोकसभा चुनावों में विपक्ष का कैसा प्रदर्शन रह सकता है, यह बहुत हद तक इस बात पर निर्भर करेगा कि सीटों का बंटवारा कितना सटीक हो पाता है.

सौदेबाजी का बाजार: आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल में बातचीत की शुरुआत में ही ममता बनर्जी ने कांग्रेस को लोकसभा की दो सीटें ही ऑफर की थीं. जबकि ममता इन दिनों ईडी अधिकारियों पर हमले के नए सनसनीखेज मामले के बीच आरोपों का सामना कर रही हैं. उधर केरल और जम्मू-कश्मीर में लगातार बातचीत चल रही है. महाराष्ट्र में एमवीए ने कल दावा किया कि ‘हर सीट का फैसला हो गया है’. एनसीपी और शिवसेना में टूट के बाद अभी भी स्थिति अनिश्चित है और कांग्रेस को वहां जोर लगाने की जरूरत होगी.

कांग्रेस की चुनौती: पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि कांग्रेस सभी सीटों के लिए अपना होमवर्क कर रही है. दूसरी ओर असली चुनौती यह है कि वे अपने क्षेत्रीय नेताओं को केंद्रीय नेतृत्व के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने के लिए राजी करें – खासकर यूपी, बिहार, पंजाब और दिल्ली में जहां क्षेत्रीय पार्टियां मजबूत हैं.

BIRTHDAY: ऋतिक रोशन का 50वां बर्थडे आज, फैंस दे रहे बधाई

मंदिर का मुद्दा: ‘इंडिया’ के लिए चुनौतीपूर्ण मुद्दों में यह भी शामिल होगा कि वे मतदाताओं को क्यों बताएंगे कि उनके घटक दल अयोध्या के कार्यक्रम में क्यों गए या नहीं गए. साथ ही यह भी बताना होगा कि क्या उन्हें आमंत्रित किया गया था या नहीं. ‘इंडिया’ के नेता अक्सर कहते हैं कि वे ‘भाजपा को करारा जवाब’ देने के लिए एक साथ हैं. लेकिन मतदाता भाजपा को जवाब देने से ज्यादा एक स्पष्ट संदेश चाहते हैं.

राहुल की यात्रा: कांग्रेस उन तीन राज्यों में भाजपा के खिलाफ सीधे लड़ रही है जहां वह दिसंबर के विधानसभा चुनावों में हार गई थी. पार्टी को उम्मीद है कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा कुछ चुनावी फायदा दिलाएगी. लेकिन क्या पार्टी 2023 की हार में आंतरिक गुटबाजी का हाथ होना स्वीकार करेगी और 2024 में इसे सुलझाए पाएगी ?

Varanasi: साहित्य पुरोधा व गीतकार हरिराम द्विवेदी पंचतत्व में विलीन

हार पर इनाम !

एक तरफ राहुल दूसरी यात्रा की तैयारी कर रहे हैं तो दूसरी तरफ प्रियंका वाड्रा भी अपना दायरा बढ़ा रही हैं. भले ही उनके नेतृत्व में यूपी कांग्रेस लगभग खत्म हो गई, लेकिन उन्हें ‘बिना विभाग के एआईसीसी महासचिव’ का पद इनाम के तौर पर मिल गया. यानी उन्हें बिना किसी जवाबदेही के कहीं भी दखल देने का लाइसेंस मिल गया है.

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More