Triple Talaq Bill लोकसभा में पेश, ओवैसी ने बताया संविधान विरोधी
एक बार में तीन तलाक पर प्रतिबंध लगाने के मकसद से एक नया विधेयक- मुस्लिम महिला विवाह अधिकार रक्षा विधेयक-2019 आज लोकसभा में पेश किया गया। यह विधेयक पिछली एनडीए सरकार के दौरान फरवरी में जारी अध्यादेश की जगह लेगा।
केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने तीन तलाक बिल पेश किया। इसे बाद सदन में कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने हंगामा शुरू कर दिया। तीन तलाक बिल का विरोध करते हुए हैदराबाद से सांसद और AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यह संविधान विरोधी व आर्टिकल 14 और 15 का उल्लंघन है।
ओवैसी ने पूछा कि मोदी सरकार को मुस्लिम महिलाओं से हमदर्दी है तो केरल की हिंदू महिलाओं से मोहब्बत क्यों नहीं? आखिर सबरीमाला पर आपका रुख क्या है?
सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने तीन तलाक विधेयक पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि अगर किसी गैर मुस्लिम को केस में डाला जाए तो उसे 1 साल की सजा और मुसलमान को 3 साल की सजा।
उन्होंने सवाल किया कि यह आर्टिकल 14 और 15 का उल्लंघन नहीं है? इस बिल से केवल मुस्लिम पुरुषों को सजा मिलेगी। आप मुस्लिम महिलाओं के हित में नहीं है बल्कि उन पर बोझ डाल रहे हैं।
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