लोकसभा चुनाव:चुनाव के समय अधिग्रहित वाहनों का किराया हुआ तय
लोकसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग तमाम जरूरी सामाग्रियों की सूची बनाने में जुटा हुआ है. इसी कड़ी में परिवहन के लिये गाड़ियों को भी किराये पर या भाड़े के अनुसार लिया जा रहा है. लोकसभा चुनाव में मतदान से लेकर मतगणना तक वाराणसी में 2,000 से अधिक निजी वाहन के प्रयोग होनी की संभावना है. इसके लिये परिवहन विभाग द्वारा वाहनों के अधिग्रहण की प्रक्रिया भी शुरु हो गई है. इसके तहते जो वाहन चुने गए हैं उनके मालिकों को वाहन फिट कराने के लिये भी कहा गया है.
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40 फीसदी का इजाफा
चुनाव आयोग ने तय किया है कि वह वाहनों के सीट के आधार पर भुगतान किया जाएगा. बता दें कि पिछले चुनाव की अपेक्षा इस बार किराये में 40 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है.
क्या होगा किराया
अधिग्रहित की जाने वाली 15-24 सीटर बसों के संचालकों को रोजाना तेल व ईंधन के खर्चों को हटाकर 1697 रुपये मिलेंगे. वहीं 25-34 सीटर बसों को 1912 रुपये, 35-40 सीटर वाली बसों को 2139 रुपये, 41-45 सीटर वाली बसों को 2213 रुपये और 46 सीटर से अधिक की बसों के संचालकों को 2510 रुपये दिए जाएंगे.
मालवाहक व अन्य गाड़ियों की भी पड़ेगी जरूरत
इसके अलावा मालवाहनों का भी किराया तय किया गया है. जिसमें क्षमता के अनुसार रोजाना 1572 से 2140 रुपये तक मिलेंगे. वहीं ट्रेक्टर को 537 रुपये दिये जाएंगे. चुनाव के लिये चुने गए सरकारी कर्मचारियों की आवाजाही के लिये भी जीप एवं कार की आवश्यक्ता पड़ेगी. डीजल से चलित जीप, टैक्सी व कार को 1460 रुपये वहीं पेट्रोल चालित हल्के वाहनों को 1264 रुपये मिलेंगे. साथ ही 1450 सीसी से अधिक क्षमता वाले वाहनों के संचालकों को 2140 रुपये मिलेंगे.
पुलिसकर्मियों को भी मिलेगा भत्ता
लोकसभा चुनाव में मतदान व मतगणना के समय सुरक्षा एवं व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिये करीब 12 हजार पुलिसकर्मियों की आवश्यक्ता पड़ेगी. इसके अलावा कई कंपनियो के अर्धसैनिक बल की भी तैनाती की जाएगी. इन सभी को चुनावी का पारिश्रमिक अलग से मिलेगा. अधिकारियों के अनुसार जोन व सेक्टर स्तर के पुलिस अफसर को 1500 रुपये, मतदान व मतगणना केन्द्र पर लगने वाले इंस्पेक्टर व सब इंस्पेक्टर को 350 रुपये, सिपाही को 250 रुपये दिये जाएंगे. जबकि होमगार्ड व चौकीदार को 150 रुपये तक का भुगतान किया जाएगा.