LokSabha Election 2024: अब शायद वो समय आ गया है जब आम चुनाव की तारीखों को घोषित होने वाली है. 13 मार्च के बाद चुनाव आयोग लोकसभा चुनाव की तारीखें घोषित कर सकता है. चुनाव आयोग के अधिकारी मार्च के पहले हफ्ते में जम्मू-कश्मीर जा सकते हैं. चुनाव आयोग ने संवेदनशील पश्चिम बंगाल के बूथों की सूची मांगी है. इस बार भी सामान्य चुनावों में सात से आठ चरण हो सकते हैं. 2019 का आम चुनाव सात चरणों में हुआ था. वहीं 2019 में लोकसभा चुनाव 10 मार्च को घोषित किए गए. 11 अप्रैल 2019 से 19 मई 2019 के बीच ECI ने सात चरणों में आम चुनाव कराए थे. 23 मई को चुनाव के परिणाम सामने आए थे जिनमें बीजेपी ने आम चुनाव में 303 सीटें जीतीं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लगातार दूसरी बार केंद्र में सरकार बनाई. बीजेपी संग गठबंधन ने 353 सीटें जीतीं.
दौरे के बाद चुनाव की तारीख का होगा ऐलान
आधिकारिक सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार ”ECI आम चुनाव की तैयारियों की समीक्षा करने के लिए कई राज्यों का दौरा कर रहा है. एक बार यह दौरे पूरे होने के बाद तारीखों की घोषणा की जाएगी. फिलहाल, चुनाव आयोग के अधिकारी अभी तमिलनाडु का दौरा कर रहे हैं. उसके बाद वे उत्तर प्रदेश और जम्मू-कश्मीर का दौरा करेंगे. यह सभी दौरे 13 मार्च से पहले पूरे होने की उम्मीद है.”
पिछले कुछ महीनों से आयोग अपनी तैयारियों की समीक्षा करने के लिए सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) के साथ लगातार बैठकें कर रहा है. अधिकारियों ने बताया कि सीईओ ने समस्या वाले क्षेत्रों, ईवीएम की आवाजाही, अतिरिक्त सुरक्षा बलों की आवश्यकता और बॉर्डर पर कड़ी निगरानी की सूची दी है. इस साल चुनाव आयोग विशेष रूप से AI का उपयोग करने की योजना बना रहा है.
लोकसभा चुनाव में खास भूमिका निभाएंगा AI
चुनाव आयोग ने मई में होने वाले लोकसभा चुनावों में AI की मदद लेने का निर्णय लिया है. ECI में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का एक विभाग है जो गलत जानकारी को डिजिटल प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया पर चिह्नित करता है और उसे दूर करता है. चुनाव के दौरान सोशल मीडिया से झूठी और भड़काऊ सामग्री तुरंत हट जाएगी. आयोग तुरंत कड़ी कार्रवाई करेगा अगर कोई पार्टी या उम्मीदवार नियमों का उल्लंघन करता है. सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को ब्लॉक करने की सिफारिश कर सकता है या उनके खातों को सस्पेंड कर सकता है.
मतदाताओं की संख्या में छह प्रतिशत की वृद्धि
आयोग ने बताया कि, ”18 से 29 वर्ष की उम्र के दो करोड़ नए मतदाताओं ने नामांकन कराया है. देश में कुल मतदाताओं का ग्राफ 96.88 करोड़ तक पहुंच गया है, जो 2019 के आम चुनाव के बाद से छह प्रतिशत बढ़ा है. 2024 के विशेष समरी रिवीजन या मतदाता सूची का सामयिक पुनरीक्षण में महिलाओं ने पुरुषों को पीछे छोड़ दिया है. 2.63 करोड़ नए मतदाताओं ने रजिस्ट्रेशन कराया है. उनमें से 1.41 करोड़ महिला मतदाता हैं. जबकि इनमें पुरुष मतदाताओं की हिस्सेदारी सिर्फ 1.22 करोड़ ही है. वोटर्स का लैंगिक अनुपात भी 2023 में 940 था, जो इस साल 2024 में 948 हो गया है. यानी हजार पुरुषों के मुकाबले 948 महिला वोटर हैं.”
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2019 में 928 लैंगिक अनुपात थे, 88.35 लाख दिव्यांग हैं. आयोग ने घर-घर जाकर आंकड़े जुटाने के बाद या तो एक करोड़ 65 लाख 76 हजार 654 मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए हैं या फिर उनके नाम बदले गए हैं. 8 फरवरी 2024 तक देश में 96.88 लाख 21 हजार 926 लोगों की आबादी थी. 49 करोड़ 72 लाख 31 हजार 994 पुरुष शामिल हैं. 47 करोड़ 15 लाख 41 हजार 888 महिलाएं हैं, लेकिन तीसरे लिंग वर्ग के 48,044 मतदाता हैं. कुल 88 लाख 35 हजार 449 दिव्यांग व्यक्ति हैं. आयोग ने बताया कि, 80 साल से अधिक उम्र के 1 करोड़ 85 लाख 92 हजार 918 लोगों ने मतदान किया है. सौ साल से ऊपर भी दो लाख 38 हजार 791 लोग हैं.