गंगा को स्वच्छ रखने एवं घाटों के सौन्दर्यीकरण के लिए सरकार की ओर से नमामि गंगे योजना का शुभारंभ किया गया था। इसके लिए प्रत्येक घाट के सौन्दर्यीकरण के लिए करोड़ों रुपए का बजट दिया गया। करोड़ों की लागत से तैयार घाटों पर सामुदायिक शौचालय , बैठने की उचित व्यवस्था , घाट का सौन्दर्यीकरण एवं महिला वस्त्र परिवर्तन कक्ष की सौगात दी गई है।
आदमपुर गंगा घाट का हुआ था कायाकल्प
इसी क्रम में सूबे के फतेहपुर जिले स्थित आदमपुर गंगा घाट का भी कायाकल्प नमामि गंगे योजना के तहत किया गया। करोड़ों की लागत से बने इस गंगा घाट का उद्घाटन सांसद एवं केन्द्रीय राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति द्वारा फरवरी माह में करके जनता को सौंपा गया।
यहां महिला एवं पुरुषों के लिए अलग अलग शौचालय एवं महिला वस्त्र परिवर्तन कक्ष का निर्माण कराया गया। जिससे यहाँ आने वाले श्रद्धालु इन सभी का लाभ उठा सकें। लेकिन जिम्मेदारों द्वारा करोड़ों से बने इस प्रोजेक्ट पर पलीता लगाया जा रहा है।
शौचालय व कक्ष में लटक रहा ताला
बता दें जब हमारे संवाददाता यहाँ पहुंचे तो यहाँ बने सामुदायिक शौचालय एवं महिला वस्त्र परिवर्तन कक्ष में ताला लगा पाया गया। जब गंगा स्नान के लिए आए श्रद्धालुओं से बात की गई तो उन्होंने बताया कि हम लोग जब भी आते हैं यहां ताला लगा रहता है। इसे कभी भी खुला हुआ नहीं देखा।
इस बाबत जब घाट की व्यवस्था देखने वाले कांट्रेक्टर से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मेरा बेटा यहां की व्यवस्था देखता है। अभी वह स्कूल गया है इस वजह से आज ताला नहीं खोल पाया। मेरा बेटा चार महीनों से इसकी देखरेख करता है लेकिन उसे एक रूपया भी मेहनताना नहीं दिया गया इसलिए वह अब देखरेख में हीलाहवाली कर रहा है।