कभी लोग कहते थे पागल, आज मिल गया उसी काम के लिए पद्मश्री पुरस्कार
दुनिया में जितने भी इंसान है सबकी पसंद अलग-अलग होती है। कोई पशुओं से प्यार करता है तो कोई किसी काम को करके उससे खुशी प्राप्त करता है। कुछ लोग घरों पर बैठकर टीवी देखकर समय काट लेते हैं तो कुछ लोग दोस्तों के साथ गप्पे मारने में समय बिता देते हैं। लेकिन एक ऐसा व्यक्ति भी है। जिसने अपना प्रेम पेड़-पौधे से लगाया है।
जी हां आप को जानकर हैरानी होगी कि कोई इंसान पेड़-पौधों से इतना प्यार कैसे कर सकता है। आज आपको एक ऐसे शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने पेड़-पौधों के लिए अपना पूरा जीवन लगा दिया। इस साल का पद्मश्री अवॉर्ड जिन लोगों को मिलने जा रहा है उनमें 70 साल के एक ऐसे बुजुर्ग हैं, जिन्होंने 1 करोड़ से अधिक पेड़ लगाए हैं।
आपको जानकर हैरानी होगी कि पहले लोग उन्हें ‘पागल’ कहते थे, लेकिन आज उनकी अहमियत पूरी दुनिया ने जानी है। जी हां, ऐसे ही प्रेरणादायी व्यक्तित्व के स्वामी हैं रमैया दरिपल्ली. रमैया, तेलंगाना के खमाम जिले के रेड्डीपल्ली गांव के रहने वाले हैं। रमैया अब तक एक करोड़ से अधिक पौधे लगा चुके हैं और अब भी लगाते ही जा रहे हैं।
पेड़-पौधे उनकी जिंदगी हैं पर कभी ये जुनून उनके लिए परेशानी का सबब बन गया था। एक समय ऐसा भी था जब लोगों ने उन्हें ‘पागल’ कहना शुरू कर दिया था। आज वही लोग उनका गुणगान करते नहीं थक रहे। पेड़ों के प्रति उनका प्रेम ऐसा है कि अगर उनका लगाया कोई पेड़ सूख जाए तो उन्हें लगता है मानो उनकी जान निकल गई हो।
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इसलिए वे जो भी पौधा लगाते हैं उसे बच्चे की तरह पालते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि रमैया ने अपनी तीन एकड़ जमीन इसलिए बेच दी थी जिससे वे उन पैसों से बीज और पौधे खरीद सकें। देश के सर्वोच्च सम्मानों में से एक पद्मश्री पाने वाले रमैया केवल दसवीं कक्षा तक ही पढ़े हैं।
पर अगर उन्हें पौधों से सबंधित कोई भी किताब मिल जाए तो उसे पूरा पढ़ते हैं। बता दें कि उन्हें एकेडमी ऑफ यूनिवर्सल ग्लोबल पीस ने डॉक्टरेट की उपाधि दी है। उनके इलाके में उन्हें ‘Tree Man’ के नाम से भी जाना जाता है।
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