दिल्ली व लखनऊ में कड़ाके की ठंड से जनजीवन बेहाल, सबसे ठंडा महीना
उत्तर प्रदेश राज्य की राजधानी लखनऊ में ठंड से लोगों का हाल बुरा है। यहां न्यूनतम तापमान 5.3 डिग्री और अधिकतम 11 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।
इसी प्रकार इस बार का दिसंबर पिछले 100 सालों का सबसे ठंडा महीना बनने जा रहा है। 26 दिसंबर को दिन का औसत अधिकतम तापमान 19.85 पर पहुंच गया जो कि 1997 के बाद दूसरी बार हुआ है। 118 सालों में केवल दो बार ही ऐसी ठंड पड़ी है।
भीषण ठंड, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट
दिल्ली में पिछले 118 साल में दूसरी बार सबसे कड़ाके की ठंड पड़ रही है
इससे पहले दिसंबर 1997 में दिन का औसत अधिकतम तापमान 19.7 तक पहुंच गया था।
26 दिसंबर को दिल्ली में अधिकतम औसत तापमान 19.8 रहा।
उत्तर भारत में मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया है।
शीत लहर का यह प्रकोप अभी 30 दिसंबर तक बना रहेगा
दिल्ली में जब जमा देने वाली ठंड पड़ी थी तब आप कहां थे? हो सकता है भविष्य में आपसे भी ऐसा ही सवाल पूछा जाए। दिसंबर में इस बार जो शीतलहर जारी है वह ऐतिहासिक है। यह दिसंबर पिछले 100 सालों के दौरान दूसरा सबसे ठंडा दिसंबर बनने जा रहा है। 1901 से 2018 तक सिर्फ चार मौकों पर दिसंबर का अधिकतम औसत तापमान 20 डिग्री से नीचे गया है। इस साल यह 26 दिसंबर तक 19.85 डिग्री है, जबकि 31 दिसंबर तक यह महज 19.15 डिग्री ही रह सकता है। शीत लहर का यह प्रकोप अभी 30 दिसंबर तक बना रहेगा। शुक्रवार को दिल्ली में न्यूनतम तापमान 4.2 डिग्री रेकॉर्ड किया गया।
लखनऊ में इस साल कड़ाके की ठंड से स्थिति बदतर
उत्तर प्रदेश राज्य की राजधानी लखनऊ में ठंड से लोगों का हाल बेहाल है। यहां न्यूनतम तापमान 5.3 डिग्री और अधिकतम 11 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। लखनऊ में इस साल कड़ाके की ठंड से स्थिति सबसे बदतर है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राज्य में बीते 24 घंटों में ठंड से 13 मौतें हो चुकी हैं। मौसम अधिकारियों ने अगले तीन दिनों में तापमान में और गिरावट आने का अनुमान जाहिर किया है।
शुक्रवार को अत्यधिक ठंड
एक अधिकारी ने कहा, “शुक्रवार को अत्यधिक ठंड रह सकती है और अगले कुछ दिनों में इसमें किसी सुधार की उम्मीद नहीं है। नए साल की पूर्व संध्या पर बारिश होने की संभावना है।” यहां वायु-गुणवत्ता सूचकांक 309 है, जो कि बेहद खराब स्थिति में आता है और यह यहां की परिस्थिति को और भी बदतर बनाता है। यहां 29 दिसंबर तक सभी स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं और कार्यालयों में भी उपस्थिति में भारी गिरावट आई है।
बाजारों में भी खरीददारों की चहल-पहल कम
इंटरनेट सेवा के बार-बार बंद होने से बैंकिंग प्रणाली और डेबिट व क्रेडिट कार्ड से भुगतान पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। बाजारों में भी खरीददारों की चहल-पहल कम है, जो त्यौहारों के इस मौसम में असामान्य है। इस भीषण ठंड से सड़कों पर बेजुबान सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। ग्रामीण इलाकों से कड़ाके की ठंड के चलते मवेशियों की मौत की खबरें आई हैं, जबकि शहरी क्षेत्रों में कुत्तों की इस ठंड से मौतें हो रही हैं।
118 साल में दूसरी बार सबसे ठंडी रहेगी दिल्ली
इस बार का दिसंबर पिछले 100 सालों का सबसे ठंडा महीना बनने जा रहा है। 26 दिसंबर को दिन का औसत अधिकतम तापमान 19.85 पर पहुंच गया जो कि 1997 के बाद दूसरी बार हुआ है। 118 सालों में केवल दो बार ही ऐसी ठंड पड़ी है।