Azad के अस्थिकलश को आजाद कराने के लिए वकीलों ने किया प्रदर्शन

वाराणसी के एडीएम सिटी को सौंपा ज्ञापन, सेंट्रल जेल में अर्पित किया श्रद्धासुमन

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अमर शहीद चन्द्रशेखर आजाद के अस्थिकलश को विरोचित सम्मान देने की मांग को लेकर अधिवक्ताओं ने मंगलवार को डीएम पोर्टिको में धरना-प्रदर्शन किया. अधिवक्ताओं ने एडीएम सिटी अशोक वर्मा को ज्ञापन देकर अमर शहीद चन्द्रशेखर आजाद का अस्थिकलश लखनऊ के चिड़ियाघर के डबल लाक से बाहर निकालकर राजघाट जैसा समाधिस्थल बनवाने की मांग की. इसके बाद अधिवक्ता वाराणसी के सेंट्रल जेल पहुंचे और उनके स्मारक स्थल श्रद्धासुमन अर्पित किये.

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गौरतलब है कि 27 फरवरी को अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद की पुण्यतिथि है. देश की आजादी के आंदोलन में अपना अमूल्य योगदान देने वाले चंद्रशेखर आजाद को दरोगा को पत्थर मारने के मामले में पकड़कर वाराणसी के सेंट्रल जेल में बंद किया गया था. तब उनकी उम्र महज 15 साल थी. दरोगा को पत्थर मारने के जुर्म में पूछताछ के दौरान भारत माता की जय कहने पर उन्हें 12 बेतों की सजा मिली थी. उस स्थान पर आजाद स्मृति स्मारक बनाया गया है.

सेंट्रल जेल मे कैद है अमर शहीद की प्रतिमा, दर्शन के लिए लेनी पड़ती है अनुमति

अधिवक्ताओं ने एडीएम सिटी को सौंपे ज्ञापन में कहा है कि आजाद की प्रतिमा काशी के सेंट्रल जेल मे है और उनका अस्थिकलश चिड़ियाघर में. दोनो ही जगहों पर अमर शहीद के अस्थिकलश और प्रतिमा के दर्शन के लिये पहले अनुमति अनिवार्य है. आमजन को इन दोनो जगहों पर जाने की मनाही है. ज्ञापन में आजाद के अस्थिकलश को विरोचित सम्मान देते हुये राजघाट सरीखा समाधि स्थल बनाये जाने और उस जगह पर चौबिस घंटे अमर शहीद ज्योति जलाने की मांग की गई है.

फुफेरे भाइयों ने कुलतार सिंह को सौंपा था आजाद का अस्थिकलश

ज्ञापन में कहा गया कि आजाद का अंतिम संस्कार करने के बाद आजाद के फूफा शिवविनायक मिश्र आजाद की पवित्र अस्थियां अपने पियरी स्थित घर ले गये थे. शिव विनायक मिश्र के मरने के बाद आजाद के फुफेरे भाइयों राजीव लोचन मिश्र, फूलचन्द्र मिश्र, श्याम सुन्दर मिश्र ने 10 जुलाई 1976 को अस्थिकलश राज्य सरकार के प्रतिनिधि सरदार कुलतार सिंह को समर्पित कर दिया. कुलतार सिंह ने अस्थिकलश को लखनऊ के चिड़ियाघर स्थित स्टेट म्यूजियम मे रखवा दिया. तब से अस्थिकलश वहीं डबल लाक में रखा हुआ है. हिंदु धर्मावलम्बियों का अस्थिकलश या तो पवित्र नदियों मे बहा दिया जाता है या उसकी समाधि बनाकर पूजा होती है. लेकिन आजाद के अस्थिकलश को डबल लाक से मुक्ति नही मिल पा रही है. धरना-प्रदर्शन में बनारस बार के पूर्व महामंत्री नित्यानन्द राय, विनोद पांडेय भैयाजी, राजेश यादव, राजेश तिवारी, दीपक राय, कुंवर प्रीतम प्रताप, नरेन्द्र विश्वकर्मा, श्रीप्रकाश शुक्ला, दिनेश ठाकुर, विजय पांडेय आदि रहे. मनीष राय, संजीवन यादव आदि रहे.

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