रामजन्मभूमि में सबसे पहले दीप प्रज्वलन के साथ रोशनी से जगमगाई पूरी अयोध्या नगरी

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पांच अगस्त को अयोध्या में होने वाले राममंदिर भूमि पूजन से एक दिन पहले रामनगरी में महादीवाली मनाई जा रही है। सबसे पहले रामजन्मभूमि पर दीपक जलाया गया। इसके बाद पूरी राम नगरी दीपकों की रोशनी से नहाई है। लोगों ने घरों के बाहर रंगोली भी सजाई है। हर मंदिर में रामचरित मानस की चौपाइयां और दोहों का गायन हो रहा है। राम की पौड़ी में भी दीपोत्सव चल रहा है। अवध विश्वविद्यालय के स्वयंसेवकों ने राम की पौड़ी पर दीपों अच्छे बिछाया है। करीब सवा लाख दीपों से राम की पौड़ी जगमग हो रही है। आज और कल (पांच अगसत) दो दिन दीपोत्सव मनाया जाएगा। इसके साथ ही अयोध्या धाम के 50 स्थानों पर भी दीप जलाए जा रहे हैं। साथ ही स्थानीय लोग भी अपने घरों में दीप जला रहा हैं।

रामकथा के चित्र अपनी दिव्यता का करा रहे हैं एहसास

यहां साकेत महाविद्यालय से हनुमानगढ़ी तक लगभग डेढ़ किमी का क्षेत्र अलग रंग में दिखाई पड़ रहा है। सड़क के दोनों किनारों के भवन पीले रंग में हैं। उन पर रामकथा के चित्र अपनी दिव्यता का एहसास करा रहे हैं। इस पूरे क्षेत्र को भगवा और लाल ध्वज से पाट दिया गया है।

लोग जगह-जगह सेल्फी लेकर इस पल को अपने कैमरे में कैद कर लेना चाहते हैं। सिक्योरिटी की वजह से जहां ज्यादातर दुकानें बंद हैं, वहीं सरकारी गाड़ियों की आवाजाही ज्यादा है। हनुमान गढ़ी में एंट्री के लिए लगाई गई बैरिकेडिंग भी हटा दी गई है।

कई महंत पहुंच चुके हैं अयोध्या

स्वामी अवधेशानंद, योग गुरू स्वामी बाबा रामदेव, चिंदानन्द मुनि, साध्वी ऋतंभरा, पुरुष परमानन्द जी महाराज, बालकानन्द जी महाराज, धन्तेय शांति मिश्र महाराज, फूल डोल बिहारी दास, स्वामी मित्रानन्द महाराज, राजेंद्र देवाचार्य राघवाचार्य, महामंडलेश्वर अखिलेश्वरानन्द महाराज, डॉ. श्यामदेव देवाचार्य, राम कमलदास वेदांती, जगद गुरु रामानन्दाचार्य रामधराचार्य, डॉ. रामेश्वरदास, श्री वैष्णव वनवासी संत दिग्म्बर गिरि बाल्मीकि संत सदानन्द जी, जत्थेदार इकबाल सिंह, डॉ. रामेश्वरानन्द हरि महाराज, बाबा लक्खा सिंह, अखाड़ा परिषद अध्यक्ष नरेंद्र गिरी, महामंत्री हरि गिरी, महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव रवींद्रपुरी, निरंजनी अखाड़े के सचिव रवींद्र महाराज पहुंच चुके हैं।

इस बीच सोमवार से आरम्भ हुए अनुष्ठान के प्रथम दिन गो-पूजन, प्रायश्चित अनुष्ठान, सहस्त्र मोदक से गणपति हवन, पंचांग पूजन, वेदिका पूजन, सर्वतोभद्र पूजन, ब्राह्मण वरण के अलावा अथर्व शीर्ष के मंत्रों से सहस्त्र आहुतियां दी गई। इस पूजन के मुख्य आचार्य काशी के जयप्रकाश उपाध्याय थे। इसके अलावा अरुण दीक्षित व चद्रभानु शर्मा समेत काशी-कांची, अयोध्या व दिल्ली के 21 वैदिक आचार्य शामिल थे।

उधर, लखनऊ में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अपने आवास पर दिये जलाकर दिवाली मनाई हैं। इसके साथ ही प्रदेश की बड़ी तीर्थ नगरी प्रयागराज, मथुरा, वृंदावन, वाराणसी तथा चित्रकूट के साथ नैमिशारण्य और गोरखपुर में भी आज से दीपोत्सव मनाया जा रहा है। गोरखनाथ मंदिर में श्री रामचरितमानस का पाठ सोमवार को सुबह दस बजे से शुरू हुआ था। यह पाठ बुधवार दोपहर दो बजे तक चलेगा।

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