अब तेजस्वी ज़िंदाबाद नहीं कहेंगे…बगावत के सुर में विधायक
लालू यादव की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रहीं है। अभी तक लालू रेलवे घोटाला और सीबीआई से ही परेशान थे कि अब लालू की पार्टी में भी फूट भी नजर आने लगी है। बिहार कांग्रेस में लालू यादव के नाम पर बगावत के आसार हैं। दिल्ली में कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात करके लौटे कई विधायक चाहते हैं कि पार्टी बिहार में लालू का दामन छोड़े।
read more : गौरी लंकेश हत्याकांड की एनआईए से जांच हो : मायावती
अब तेजस्वी ज़िंदाबाद नहीं कहेंगे
खबर ये भी है कि कांग्रेस आलाकमान को लग रहा है कि बिहार कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चौधरी पार्टी तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। जिसके चलते वो पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाने के असार नजर आ रहे है। क्या बिहार में लालू यादव का साथ देने के नाम पर कांग्रेस में फूट हो रही है से सबसे बड़ा सवाल बनकर सामने आ रहा है। ऐसे ही सवालों की वजह से राहुल गांधी ने बिहार के तमाम विधायकों को मिलने के लिए दिल्ली बुलाया था, लेकिन दिल्ली में राहुल से मुलाकात करके लौटे कुछ कांग्रेस विधायकों ने गुरुवार को दो टूक कहा कि पहले लालू का झंडा ढोया, अब तेजस्वी ज़िंदाबाद नहीं कहेंगे।
read more : ये ‘अंगूठी’ करेगी दृष्टिहीनों और बुजुर्गों को पढने मे मदद
अशोक चौधरी को पार्टी तोड़ने की कोशिश का दोषी
चर्चा है कि इस फूट से नाराज़ कांग्रेस आलाकमान ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चौधरी को पार्टी तोड़ने की कोशिश का दोषी मानते हुए पद से हटाये जाने के कायास लगाये जा रहे है। उनके हटाये जाने के नाम से ही बागी विधायकों के तेवर और तीखे हो जाते हैं । कांग्रेस के कई विधायक बिहार सीएम नीतीश कुमार के साथ जाना चाहते हैं, लेकिन दलबदल कानून के कारण विधानसभा की सदस्यता न चली जाए इस डर से खुलकर सामने नहीं आ रहे। फिर भी उनकी बातों पर गौर करें तो दबा हुआ अंसतोष झलक ही आता है।
बागियों की संख्या चौदह ही बताई जा रही है
बिहार में कांग्रेस के अभी कुल 27 विधायक हैं। दल-बदल कानून के दायरे में आने से बचने के लिए कम से कम 18 विधायकों का एक साथ आना जरूरी है। लेकिन अब तक बागियों की संख्या चौदह ही बताई जा रही है। यही वजह है कि कोई खुलकर सामने नहीं आ रहा है। लेकिन कांग्रेस का ये अंदरूनी असंतोष कब तक दबा रहेगा, कहना मुश्किल है।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)