लालू यादव को सीबीआई कोर्ट ने दोषी करार दिया, 3 जनवरी को होगा सजा का एलान
बिहार के पूर्व सीएम और आरजेडी के मुखिया लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले के एक और मामले में रांची की सीबीआई की विशेष अदालत ने दोषी करार दिया है। सजा का ऐलान 3 जनवरी को होगा। हालांकि कोर्ट ने 22 आरोपियों में से पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्र समेत 6 लोगों को बरी कर दिया है। कोर्ट से लालू प्रसाद यादव को सीधे जेल ले जाया जाएगा। गौरतलब है कि 1996 में हुए इस घोटाले से जुड़े एक मामले में 2013 में निचली अदालत ने लालू को दोषी करार दिया था। इस घोटाले में उन पर अलग-अलग 6 केस चल रहे हैं।
22 लोगों पर चल रहा था केस
लालू के अलावा आरोपियों में बिहार के पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्र सहित विद्यासागर निषाद, आर. के. राना, ध्रुव भगत, आईएएस अफसर महेश प्रसाद और बेक जूलियस समेत कुल 22 लोगों पर केस चल रहा है। कोर्ट में लालू के साथ उनके पुत्र तेजस्वी यादव भी मौजूद थे।फैसला सुनने के बाद लालू ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर बीजेपी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘धूर्त भाजपा अपनी जुमलेबाजी व कारगुजारियों को छुपाने और वोट प्राप्त करने के लिए विपक्षियों का पब्लिक पर्सेप्शन बिगाड़ने के लिए राजनीति में अनैतिक और द्वेष की भावना से ग्रस्त गंदा खेल खेलती है।’
21 साल पहले हुए चारा घोटाले में लालू और जगन्नाथ मिश्र शामिल थे
21 साल पहले बिहार में हुए इस घोटाले की धमक पूरे देश की सियासत में सुनी गई। चारा घोटाले में फंसे थे तत्कालीन सीएम लालू प्रसाद यादव और पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्र। सीबीआई की विशेष अदालत ने आज चारा घोटाले में देवघर के सरकारी कोषागार से 84.53 लाख रुपये की अवैध निकासी के मामले में पूर्व सीएम लालू यादव को दोषी करार दिया है। इस केस में दोषी होने के बाद ही लालू को अपनी सांसद सदस्यता खोनी पड़ी और एक तरह से वह राजनीतिक वनवास झेल रहे हैं।
उम्मीद से उलट आया फैसला
फैसले से पहले लालू यादव ने 2जी केस और आदर्श घोटाले की तरह न्याय की उम्मीद जताई थी। उन्होंने कहा था, ‘मेरा न्यायपालिका में दृढ़ विश्वास है। बिहार की जनता जानती है कि मैंने कोई भ्रष्टाचार नहीं किया है। मुझे उम्मीद है कि मेरे साथ न्याय होगा और सत्य सामने आएगा।’
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यह था मामला
जनवरी 1996 में करीब 950 करोड़ का चारा घोटाला उजागर हुआ। तत्कालीन उपायुक्त अमित खरे ने पशुपालन विभाग के दफ्तरों पर छापा मारा। ऐसे दस्तावेज मिले, जिनसे पता चला कि 1990 के दशक में ऐसी कंपनियों को सरकारी कोषागार से चारा आपूर्ति के नाम पर पैसे जारी किए गए, जो थी हीं नहीं।
2012 में आरोप तय हुए
मार्च 2012 में चारा घोटाले से जुड़े एक केस में 44 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई। सीबीआई कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव, जगन्नाथ मिश्र, जहानाबाद के तत्कालीन जेडीयू सांसद जगदीश शर्मा समेत 31 के खिलाफ बांका और भागलपुर कोषागार में हुई धोखाधड़ी मामले में आरोप तय किए।
लालू दोषी करार दिए गए
अक्टूबर 2013 में रांची की विशेष सीबीआई अदालत ने 3 अक्टूबर को चाइबासा कोषागार से फर्जी निकासी मामले में लालू, जगन्नाथ मिश्र समेत अन्य को सजा सुनाई। लालू को 5 साल और जगन्नाथ मिश्र को 4 साल की जेल हुई। लालू की लोकसभा सदस्यता खत्म हो गई और सजा पूरी होने के 6 साल बाद तक उनपर चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी गई।
साभार- नवभारत टाइम्स