भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) के विरोध में बीते 10 जून को कुवैत में भारतीयों और अप्रवासी एशियाई नागरिकों ने प्रदर्शन किया था. इस मामले पर कुवैत सरकार (Kuwait Government) ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. इसके अलावा कुवैत सरकार ने उन लोगों वापस उनके देश भेजने का फैसला लिया. दरअसल, कुवैत में भारतीय दूतावास की ओर से पहले से ही इस मामले में एडवाइजरी जारी की जा चुकी है. दूतावास का कहना है कि यहां काम करने वाले कामगारों को कुवैत के नियमों का पालन करना होगा. ऐसे में भारत सरकार भी उनकी कोई मदद नहीं कर पाएगी. बता दें कुवैत उन देशों में शामिल है, जिसने नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर की गई कथित टिप्पणी के बाद भारतीय राजदूत को तलब किया था.
दरअसल, खाड़ी देश कुवैत में अप्रवासियों के लिए श्रम कानून बहुत ज्यादा कठोर और सख्त हैं. अगर, किसी ने भी इनका उल्लंघन किया तो ये वहां पर पाप करने के समान माना जाता है. इतना ही नहीं, कुवैत सरकार द्वारा कानून का पालन न करने पर नरमी की कोई संभावना नहीं रहती है.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, ‘श्रम कानूनों के मामले में अप्रवासियों के लिए अलग से नियम बनाए गए हैं. इसमें अप्रवासी कामगारों को कुवैत में किसी भी प्रकार का प्रदर्शन या धरना देने की अनुमति नहीं है. इसके बाद भी वहां रह रहे भारतीयों और एशियाई नागरिकों ने नुपुर शर्मा के खिलाफ प्रदर्शन किया, जिसके बाद उन्हें वापस भारत भेजने का फैसला किया गया है. उन्हें जल्द ही वापस भेज दिया जाएगा.’
पूरा मामला कुछ ऐसा है कि नुपुर शर्मा के विरोध में बीते 10 जून को कुवैत में प्रदर्शन किया गया था. फहाहील इलाके में हुए इस प्रदर्शन में भारतयों समेत अप्रवासी एशियाई नागरिक शामिल हुए थे. इसके बाद कुवैत सरकार ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया और उन्हें उनके देश वापस भेजने का फैसला किया.
नियमों के तहत कानून का उल्लंघन करने पर कुवैत सरकार अप्रवासियों को वापस उनके देश भेज देती है. इसके अलावा दोबारा उनके देश आने पर प्रतिबंध भी लगा देती है. ऐसे में प्रदर्शन करने वाले भारतीय दोबारा कुवैत नहीं जा पाएंगे. इस मामले में भारत सरकार की तरफ से भी कोई मदद मिलने की उम्मीद नहीं है.