जज साहब यमराज को दें आदेश, मृतक दोषियों को भेजें वापस
अभिनेता परेश रावल और अक्षय कुमार की फिल्म ओह माई गॉड तो आपने जरूर देखी होगी। इस फिल्म में भूकंप में बर्बाद अपनी दुकान का क्लेम हासिल करने के लिए भगवान पर केस किया जाता है।
यह तो रही फिल्म की बात। अब कुछ ऐसा ही पश्चिम बंगाल में देखने को मिला है। कोलकाता हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मृज आरोपियों के परिजनों ने कोर्ट से अपील की हे कि वो यमराज को आदेश दें कि दोषियों को सजा भुगतने के लिए यमलोक से वापस जिंदा धरती पर भेजें।
इसके साथ ही याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट से अपील भी की है कि अगर यमराज ऐसा नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ कोर्ट अवमानना की कार्यवाही हो।
क्या है मामला-
यह मामला 1984 का है जब पश्चिम बंगाला के उत्तर 24 परगना जिले के गरुलिया में समर चौधरी और उनके दो बेटों ईश्वर और प्रदीप ने किसी से मारपीट की थी। इस मारपीट में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी।
9 फरवरी 1987 को मामले में अलीपुर के अतिरिक्त सत्र न्यायालय ने सभी आरोपियों को पांच साल जेल की सजा सुनाई थी। आरोपियों ने मार्च 1987 में निचली अदालत के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी कर सजा पर रोक लगा दी थी।
हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई शुरू होने से पहले ही प्रदीप और समर की मौत हो गई। प्रदीप की मौत 17 फरवरी 1993 और समर की मौत 16 सितंबर 2010 को हुई। हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा।
इसके बाद मृतक समर के बेटे और प्रदीप की विधवा ने हाईकोर्ट में आवेदन दायर कर कहा कि न्यायालय यमराज को निर्देश दे कि वो दोनों दोषियों को पृथ्वी पर वापस भेजें ताकि वो सजा भुगत सके।
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