जानें, आखिर क्यों… गैर सियासी कार्यक्रम होकर भी “संविधान सम्मान सम्मेलन” में शिरकत करेंगे राहुल…

कांग्रेस पार्टी इसमें सहयोगी की भूमिका निभाएगी

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प्रयागराज: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी एक बार फिर यूपी के दौरे पर हैं. इस बार राहुल संगम नगरी कहे जाने वाले प्रयागराज में होंगे, जहाँ वह संविधान सम्मान सम्मेलन में शिरकत करेंगे. इस कार्यक्रम में राहुल गांधी भाषण देंगें और मौजूद लोगों से बातचीत करेंगे.

कन्वेंशन सेंटर में होगा कार्यक्रम…

बता दें कि यह कार्यक्रम प्रयागराज के इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन के कन्वेंशन सेंटर में होगा. संविधान सम्मान सम्मेलन का यह आयोजन CIVIL सोसाइटी की तरफ से हो रहा है. दरअसल कांग्रेस पार्टी इसमें सहयोगी की भूमिका निभाएगी. इसमें संविधान से जुड़े अलग-अलग पहलुओं पर चर्चा होगी. बता दें कि इनमें एक विषय मोहब्बत की दुकान और संविधान भी है.

सियासी व्यक्तियों में राहुल गांधी अकेले

बता दें कि यह एक गौर राजनितिक कार्यक्रम है इसलिए इसमें राजनीतक व्यक्तियों की एंट्री नहीं है लेकिन लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने संविधान बचाने पर जोर दिया था इसलिए उन्हें इस कार्यक्रम में मौका मिला है. राहुल गांधी संविधान और आरक्षण के बहाने केंद्र और UP सरकार पर जमकर हमला कर सकते हैं, कार्यक्रम का विषय भी संविधान का सम्मान और उसकी रक्षा करने से जुड़ा हुआ है. राहुल गांधी के अलावा इसमें अलग-अलग क्षेत्र के वक्ताओं को आमंत्रित किया गया है. सियासी व्यक्तियों में राहुल गांधी अकेले ही हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कार्यक्रम के आयोजकों में पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव की बेटी सुभाषिनी यादव, अनिल जय हिंद साथ ही इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकील KK राय और चार्ली प्रकाश शामिल हैं.

राहुल गांधी का पैतृक शहर है प्रयागराज

बता दें कि राहुल गांधी का पैतृक शहर प्रयागराज ही है. जहाँ नेहरू से लेकर राजीव तक का जन्म हुआ है. प्रयागराज से राहुल और उनकी फॅमिली का गहरा नाता रहा है और अभी भी है. जानकारी मिल रही है कि प्रयागराज दौरे पर राहुल गांधी अपने पैतृक आवास आनंद भवन जाकर वहां कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मुलाकात भी कर सकते हैं.

संविधान पर क्यों हमलावर है कांग्रेस

कांग्रेस संविधान बचाने की बात तो करती है, लेकिन उसके शासनकाल में भी संविधान की आत्मा को नकारते हुए कई काम किए गए हैं- प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, “संविधान सबसे ऊपर होना चाहिए. जब-जब संविधान पर हमला हुआ है, जिसने भी ऐसा किया है उसे देश की जनता ने नकारा है. हम दूध के धुले नहीं हैं. लेकिन हम यह कहना चाहते हैं कि हमने अपनी ग़लतियों से सीखा है.”

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आज विपक्ष के पास मुद्दे हैं- वेद प्रकाश मिश्रा

वरिष्ठ पत्रकार वेद प्रकाश मिश्रा कहते हैं, “जहां तक संविधान बचाने की बात है तो ये बात सही है कि कांग्रेस ने जब देश में आपातकाल लगाया था तो उसने संविधान की आत्मा को ही नकार दिया था. इस पर देश में व्यापक बहस हो चुकी है. लेकिन आज के संदर्भ में इस विरोध को देखें तो इसका संदर्भ ये है कि भारतीय जनता पार्टी क़ानून निर्माताओं के इरादे के मुताबिक नहीं चल रही है.
वो कहते हैं, “संसद में जिस तरह से विपक्ष को अपनी बात कहने का मौका दिया जाना चाहिए वो नहीं दिया जा रहा है.

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कांग्रेस ने कितनी बार बदला संविधान

बता दें कि संविधान में समय और आवश्यकता के अनुसार परिवर्तन करना भी भारतीय संविधान का ही हिस्सा है. संविधान के अनुच्छेद 368 में ही इसमें संशोधन की भी व्यवस्था भी की गई है और संविधान लागू होने के बाद से अब तक 106 बार संविधान संशोधन हो चुके हैं, जिसमें 80 बार कांग्रेस ने संसोधन किया है जबकि 17 बार नेहरू के शासनकाल में हुआ था.

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