26 या 27 नवंबर जानें कब है उत्पन्ना एकादशी ?

0

हिन्दू धर्म में पूरे साल में कुल 24 एकादशी व्रत रखे जाते है, इनका हमारे धर्म में काफी महत्व माना जाता है. वही धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सनातन धर्म के अनुयायियों को एकादशी का व्रत अवश्य ही रखना चाहिए, वही इतना ही नहीं यह भी माना जाता है कि, इस व्रत को करने से जातक के जीवन के सभी कष्ट समाप्त हो जाते है और इससे मोक्ष की प्राप्ति होती है. यह व्रत मार्गशीर्ष माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी को उत्पन्ना एकादशी मनाई जाती है, जो विशेष महत्व रखती है. लेकिन इस साल इस व्रत की तिथि को लेकर मतभेद देखने को मिल रहा है, ऐसे में हम आपको बताने जा रहे है कि, इस साल उत्पन्ना एकादशी 26 या 27 नवंबर किस दिन पड़ने वाली है …

शुभ मुहूर्त

उत्पन्ना एकादशी तिथि की शुरुआत 25 नवंबर की रात 02:38 बजे से होगी और इसका समापन 26 नवंबर की रात 03:12 बजे होगा। उदया तिथि के अनुसार 26 नवंबर को ही उत्पन्ना एकादशी का व्रत रखा जाएगा.

एकादशी की पौराणिक कथा और महत्व

एकादशी का विशेष महत्व हिंदू धर्म में है और इसे लेकर कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं. कहा जाता है कि, इस दिन भगवान विष्णु के शरीर से एकादशी प्रकट हुई थी, जिसके कारण इसे अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है. इस दिन विशेष रूप से देवी तुलसी की पूजा का भी महत्व है. अगर किसी व्यक्ति के जीवन में लगातार समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं, तो इस एकादशी पर देवी तुलसी को जल अर्पित करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है. इस दिन को लेकर मंगलवार को विभिन्न इस्कॉन और स्वामी नारायण मंदिरों में भव्य आयोजन होते हैं, जहां श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या देखने को मिलती है.

पूजा का महत्व

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, मार्गशीर्ष महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी को उत्पन्ना एकादशी कहा जाता है, क्योंकि इसी दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है. यह दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ माता लक्ष्मी की आराधना के लिए भी उपयुक्त माना जाता है. इस दिन सत्यनारायण कथा सुनने से व्यक्ति के पापों से मुक्ति मिलती है और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है. इस साल उत्पन्ना एकादशी का व्रत 26 नवंबर को रखा जाएगा.

Also Read: Horoscope 25 November 2024: मेष, कुंभ और तुला राशियों को मिलेगा बुधादित्य योग का लाभ

शुभ योगों का संयोग

ज्योतिषाचार्यों बताते हैं कि, उत्पन्ना एकादशी के दिन अत्यधिक शुभ योगों का संयोग बन रहा है. इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, हस्ता नक्षत्र, प्रीति योग और आयुष्मान योग भी बन रहे हैं. इन योगों के प्रभाव से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा से अक्षय पुण्य फल की प्राप्ति होती है. इस प्रकार, उत्पन्ना एकादशी का व्रत विशेष रूप से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आराधना, सत्यनारायण कथा सुनने और तुलसी पूजा के लिए अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है.

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More