वाराणसी: प्रधानमंत्री की हाईप्रोफाइल लोकसभा सीट पर चुनावी मैदान में उतरने की चाह में कई उम्मीदवारों ने पर्चा भरने की कोशिश की. इसके पीछे चुनाव लड़ने वालों की मंशा जो भी रही हो लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने ऐसी ही जुड़ी एक याचिका को खारिज करते हुए करारा झटका दिया है. पीएम नरेन्द्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने की ख्वाहिश लेकर नामांकन करने आने वालों की यूं तो लंबी फेहरिस्त. रही, लेकिन उनकी मंशा धरातल पर नहीं उतर सकी. देश भर से प्रत्याशी बनने के लिए कई लोग वाराणसी पहुंचे. नामांकन फार्म हासिल करने के लिए बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ दिखी. बता दें कि नामांकन फार्म दाखिल करने की अंतिम तिथि से एक दिन पहले यानी 13 मई को 100 से अधिक लोग लाइन में लगाए दिखे थे. सभी नामांकन फॉर्म लेने की कोशिश करते देखे गए. इसी कड़ी में तमिलनाडु के एक शख्स ने सुप्रीम कोर्ट से नामांकन की तिथि बढ़ाने की मांग की जिसके बाद सुप्रीमकोर्ट के जजों ने याचिकाकर्ता को झटका देते हुए उसके दलील को पब्लिक इन्टरेस्ट के बजाए पब्लिसिटी इन्टरेस्ट करार दिया.
Also Read : वीवीआईपी सड़क है या तालाब, जानना है तो आइये चांदमारी
श्याम रंगीला समेत देश के कोने-कोने से पहुंचे
मशहूर कॉमेडियन श्याम रंगीला ने भी पीएम नरेंद्र मोदी को चुनौती देते हुए पर्चा दाखिल किया. हालांकि उनका नामांकन खारिज हो गया. वहीं तमिलनाडु के एक किसान नामांकन फार्म दाखिल करने के लिए समय बढ़ाने की याचिका लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका को प्रचार हित याचिका करार देते हुए उसे खारिज कर दिया. कोर्ट ने कहा कि यह जनहित के बजाए प्रचार हित का मामला है.
क्या था पूरा मामला..
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को तमिलनाडु के किसान नेता की वाराणसी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की समय सीमा बढ़ाने वाली याचिका खारिज कर दी. याचिका की निंदा करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इसे प्रचार हित याचिका करार दिया. जस्टिस विक्रमनाथ और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने सवाल किया कि आप याचिका को वापस लेना चाहते हैं? हम आपको इसे वापस लेने की अनुमति दे सकते हैं. अगर आप चाहते हैं कि हम इसे खारिज कर दें तो हम इसे खारिज कर देंगे. पीठ ने कहा कि यह सभी प्रचार हित से जुडे मसले हैं.
इस कारण से कर रहे थे तिथि बढ़ाने की मांग
तमिलनाडु के त्रिची निवासी और नेशनल साउथ इंडियन रिवर इंटरलिंकिंग एग्रीकल्चरिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष पी. अय्याकन्नू के वकील एस. महेंद्रन की ओर से दावा किया गया कि अय्याकन्नू को रेलवे सुरक्षा कर्मियों ने वाराणसी जाने की ट्रेन से 10 मई को उतार दिया था. वकील के मुताबिक ट्रेन से उतारे जाने के कारण वह लोकसभा चुनाव का नामांकन दाखिल नहीं कर पाए. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी कि नामांकन का समय बढ़ाया जाए ताकि अय्याकन्नू अपना नामांकन दाखिल कर पाएं. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया.
सबसे चर्चित सीट है काशी
वाराणसी लोकसभा सीट से पीएम नरेंद्र मोदी चुनावी मैदान में हैं जिससे इसका महत्व और बढ़ जाता है. बाबा विश्वनाथ की नगरी के लोगों के लिए एक बार फिर देश के प्रधानमंत्री पद के सबसे बड़े दावेदार को चुनने का अवसर है. वहीं, पीएम मोदी के सामने चुनावी उम्मीदवारी पेश करने की लगातार कोशिश की जा रही है. 41 उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरे. लेकिन, नामांकन पत्रों की जांच के बाद अब 8 उम्मीदवार ही बचे हैं. इसमें पीएम मोदी के सामने मुख्य तौर पर कांग्रेस के अजय राय और बसपा के अतहर जमाल लारी से चुनावी मुकाबला होने की संभावना है.