मल्लिकार्जुन खरगे: वकालत से सियासी सफर तक, जानें कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष के बारे में
कांग्रेस पार्टी को 24 वर्षों के बाद गैर-गांधी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के रूप में मिला है. खरगे को कांग्रेस का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया है. बीते सोमवार को कुल 9385 वोट पड़े. जिसमें खरगे को 7897 वोट और शशि थरूर को 1072 वोट मिले. 416 वोट अमान्य करार दिए गए. इस तरह 8 गुना ज्यादा वोटों से खरगे ने जीत हासिल की. जानें कांग्रेस के नवनिर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के निजी जीवन और राजनीतिक सफर के बारे में…
जन्म एवं शिक्षा…
मल्लिकार्जुन खरगे का जन्म 21 जुलाई, 1942 को दक्षिण भारत के कर्नाटक राज्य के वारवट्टी, भल्कि तालुक, बिदर जिला में एक गरीब परिवार में हुआ था. उनके पिता का नाम मपन्ना और माता का नाम साईंभवा था. खरगे जब 7 साल के थे, तब उन्होंने अपनी मां और परिवार के कुछ सदस्यों को खो दिया था. सांप्रदायिक तनाव की वजह से उन्हें अपना जन्मस्थान छोड़ दिया था और बगल के जिले कलबुर्गी (गुलबर्ग) में शिफ्ट हो गए थे. खरगे ने 13 मई, 1968 को राधाबाई से शादी की थी. दोनों के 3 बेटे और 2 बेटियां हैं.
अपनी पढ़ाई का खर्च निकालने के लिए खरगे ने सिनेमा-थियेटर में नौकरी भी की थी. इसके बाद खरगे ने स्नातक और वकालत की पढ़ाई की. उन्हें 6 भाषाओं का ज्ञान है. खरगे का स्थाई पता लुंबिनी ऐवान-ए-शाही क्षेत्र, गुलबर्गा कर्नाटक और वर्तमान पता 9, सफदरजंग रोड, नई दिल्ली है.
राजनीतिक सफर…
मल्लिकार्जुन खरगे ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत एक छात्र संघ के नेता के रूप में की थी. सरकारी कॉलेज गुलबर्ग में उन्हें छात्रसंघ के महासचिव के रूप में चुना गया था. वर्ष 1969 में वह एमएसके मिल्स कर्मचारी संघ के कानूनी सलाहकार बने थे. वह संयुक्त मजदूर संघ के एक प्रभावशाली श्रमिक संघ नेता भी थे और मजदूरों के अधिकारों के लिए लड़ने वाले कई आंदोलनों का नेतृत्व किया. वर्ष 1969 में वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हो गए और गुलबर्गा सिटी कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बने.
लगातार 9 बार विधायक…
मल्लिकार्जुन खरगे ने पहली बार वर्ष 1972 में कर्नाटक राज्य विधानसभा चुनाव लड़ा और गुरमीतकल निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की. वर्ष 1976 में उन्हें प्राथमिक शिक्षा राज्य मंत्री नियुक्त किया गया था. वर्ष 1978 में वह दूसरी बार गुरमीतकल निर्वाचन क्षेत्र से विधायक चुने गए और ग्रामीण विकास और पंचायत राज राज्य मंत्री नियुक्त किए गए. वर्ष 1980 में वह गुंडू राव कैबिनेट में राजस्व मंत्री बने. वर्ष 1983 में वह तीसरी बार गुरमीतकल से कर्नाटक विधानसभा के लिए चुने गए. वर्ष 1985 में वह चौथी बार गुरमीतकल से कर्नाटक विधानसभा जीते और उन्हें कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष का उप नेता नियुक्त किया गया.
वर्ष 1989 में वह गुरमीतकल से 5वीं बार भी जीतने में कामयाब रहे. इसी तरह जीतते-जीतते वर्ष 2004 में खरगे लगातार 8वीं बार विधानसभा चुनाव जीते थे. वर्ष 2005 में उन्हें कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया. वर्ष 2008 में वह लगातार 9वीं बार चीतापुर से विधानसभा के लिए चुने गए. खड़गे को वर्ष 2008 में दूसरी बार विपक्ष का नेता नियुक्त किया गया था. वर्ष 2009 में खरगे ने गुलबर्गा संसदीय क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ा और अपना लगातार 10वां चुनाव जीता था.
मोदी लहर के बावजूद हासिल की जीत …
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर होने के बावजूद मल्लिकार्जुन खरगे ने गुलबर्गा संसदीय सीट से चुनाव लड़कर जीत हासिल की. खरगे ने भाजपा के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 13,404 से अधिक वोटों से हराया था. जून में उन्हें लोकसभा में कांग्रेस पार्टी का नेता नियुक्त किया गया. हालांकि, वो वर्ष 2019 में नहीं जीत पाए थे और भाजपा के उम्मीदवार जी माधव ने उन्हें करीब 95 हजार वोटों के अंतर से हराया था. इसके बाद 12 जून, 2020 को खरगे कर्नाटक से राज्यसभा के लिए चुने गए. फरवरी, 2021 में खरगे को विपक्ष का नेता नियुक्त किया गया. उन्होंने यूपीए सरकार में केंद्रीय कैबिनेट मंत्री के रूप में श्रम एवं रोजगार, रेलवे और सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण विभाग संभाला है.
मल्लिकार्जुन खरगे से जुड़ी खास बातें…
80 वर्षीय मल्लिकार्जुन खरगे 50 साल से अधिक समय से राजनीति में सक्रिय हैं. उन्हें गांधी-नेहरू का वफादार माना जाता है. कांग्रेस में शामिल होने से पहले खरगे बाबासाहेब डॉ. भीमराव आम्बेडकर से प्रेरित होकर रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) में शामिल हुए थे. मल्लिकार्जुन खरगे महादलित समुदाय से आते हैं. मल्लिकार्जुन खरगे कांग्रेस अध्यक्ष बनने वाले दूसरे दलित नेता हो गए हैं. इससे पहले वर्ष 1971 में जगजीवन राम के कांग्रेस अध्यक्ष बने थे.
दक्षिण भारत से होने के बावजूद खरगे अच्छी हिंदी बोल लेते हैं. प्रेस कॉन्फ्रेंस से लेकर संसद तक में भी खरगे अपनी बात ज्यादातर हिंदी में रखते हैं. मल्लिकार्जुन खरगे कर्नाटक से आने वाले ऐसे दूसरे व्यक्ति हैं, जिन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष पद की कमान संभाली है. इससे पहले कर्नाटक के ही एस निजालिंगप्पा कांग्रेस अध्यक्ष रह चुके हैं. पिछले 12 चुनावों में वह 11 बार जीत चुके हैं. वह 3 बार मुख्यमंत्री बनते-बनते रह गए थे.
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