मंदसौर : किसान आंदोलन की आग पहुंची भोपाल, 6 की मौत

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मध्य प्रदेश में जारी किसान आंदोलन में घायल एक व्यक्ति ने शुक्रवार को दम तोड़ दिया, और इसके साथ ही इस आंदोलन में मृतकों की संख्या बढ़कर छह हो गई है। इसके अलावा आंदोलन के नौंवे दिन भी हिंसा जारी रही और इसकी आग राजधानी भोपाल तक पहुंच गई। यहां किसानों ने एक ट्रक में आग लगा दी, और कई वाहनों में तोड़फोड़ की।

मंदसौर के पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह ने मीडिया को बताया, “गुरुवार को दलौदा पुलिस चौकी क्षेत्र में प्रदर्शन कर रहे लोगों की पुलिस से झड़प हो गई थी, जिसमें घनश्याम धाकड़ (30) घायल हो गया था। उसे उपचार के लिए इंदौर ले जाया गया, जहां उसकी देर रात मौत हो गई।”

घनश्याम की मौत की खबर उसके गांव तक पहुंचते ही लोग नाराज हो गए और सड़कों पर उतर आए। प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि घनश्याम मंदिर जा रहा था और पुलिस ने पकड़कर उसकी पिटाई की। मौके पर जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक के आश्वासन पर लोग सड़क से हटे।

इसके अलावा, भोपाल-इंदौर मार्ग पर स्थित फंदा कस्बे की सड़क पर सीहोर टोल प्लाजा पर सुबह से ही किसानों का जमावड़ा शुरू हो गया। किसानों ने यहां चक्काजाम कर दिया। पुलिस ने उन्हें हटाने के लिए बल प्रयोग किया तो किसान भड़क उठे और खेतों में जाकर पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिस पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे।

आंदोलनकारी किसानों ने एक ट्रक, एक जीप में आग लगा दी, और कई वाहनों में तोड़फोड़ की। दमकल की गाड़ियों ने मौके पर पहुंच कर आग बुझाई। भोपाल उत्तर के पुलिस अधीक्षक अरविंद सक्सेना ने संवाददाताओं को बताया कि आंदोलनकारियों को तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग किया गया और आंसू गैस के गोले छोड़े गए।

आंदोलन से जुड़े सूत्रों ने कहा कि सीहोर के किसान नेताओं को गुरुवार रात गिरफ्तार कर लिया गया था। इन्हीं किसान नेताओं ने भोपाल-इंदौर राजमार्ग पर भोपाल व सीहोर को जोड़ने वाले टोल प्लाजा पर सड़क जाम का ऐलान किया था। नेताओं की गिरफ्तारी से किसान नाराज थे और वे हिंसा पर उतर आए।

किसान आंदोलन के चलते भोपाल-इंदौर मार्ग पर बसों की आवाजाही बंद है, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। निजी टैक्सी व वाहन संचालक यात्रियों से भोपाल से इंदौर तक जाने के लिए 300 रुपये के बजाय 1,000 रुपये तक किराया वसूल रहे हैं।

राज्य में किसान कर्ज माफी और फसल के उचित दाम की मांग को लेकर एक जून से आंदोलन पर हैं। मंदसौर में पुलिस गोलीबारी में पांच किसानों की जान चली गई। नीमच, खंडवा, खरगोन, इंदौर, उज्जैन, शाजापुर, सीहोर, रायसेन, हरदा आदि जिलों में भी किसानों ने हिंसक प्रदर्शन किया।

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शाजापुर में शुक्रवार को आगजनी हुई। पुलिस अधीक्षक मोनिका शुक्ला के अनुसार, शुजालपुर थाना क्षेत्र के गैरखेड़ी गांव में कुछ लोगों ने खाली जीप में आग लगा दी। इसके पहले गुरुवार को यहां एक ट्रक व चार मोटरसाइकिल को जलाने के बाद एसडीएम राजेश यादव पर हमला किया गया था, जिसमें उनके पैर की हड्डी टूट गई थी।

रायसेन-सागर के बीच किसानों ने चक्का जाम किया। सरकारी सूत्रों के अनुसार, मुख्य सड़कों पर पुलिस की गश्त बढ़ा दी गई है, और केंद्र सरकार से भी अतिरिक्त पुलिस बल की मांग की गई है।

इस बीच, मंदसौर में शांति रही और सुबह 10 बजे से शाम छह बजे तक कर्फ्यू में ढील दी गई और लोगों ने इस दौरान आवश्यक वस्तुओं की खरीदारी की। जिलाधिकारी ओ.पी. श्रीवास्तव के मुताबिक, ढील अवधि में शांति रही, आने वाले दिनों में इस अवधि को और बढ़ाया जा सकता है।

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