खरमास आज से, धार्मिक कार्यों पर लगा ब्रेक
मांगलिक कार्यों को करने की हिंदू शास्त्र में है मनाही
हिंदू धर्म में ग्रहों और नक्षत्रों को खास महत्व दिया गया है. यही कारण है कि अब हिन्दू धर्म में एक बार फिर से धार्मिक कार्यों में ब्रेक लग जाएगा. बता दें कि हिन्दू पंचांग के अनुसार आज से खरमास का प्रारम्भ हो रहा है. ऐसे में अब धार्मिक कार्य नहीं हो सकेंगे. आपको बता दें कि जब ग्रहों के राजा सूर्यदेव मीन या धनु राशि में प्रवेश करते हैं तो पंचांग के अनुसार इसे खरमास की शुरुआत माना जाता है. खरमास में शुभ और मांगलिक कार्यों को करने की हिंदू शास्त्र में मनाही है. ऐसी मान्यता है कि देवशयनी एकादशी के आते ही चातुर्मास की शुरुआत हो जाती है, जिसमें कोई भी शुभ कार्य नहीं किये जाते हैं. फिर इसके बाद देवउठनी एकादशी से ही इन कार्यों की शुरुआत हो जाती है.
इस समय से होगी खरमास की शुरुआत
हिंदू पंचांग के अनुसार, सूर्यदेव इस वर्ष गुरुवार 16 दिसंबर 2023 की दोपहर 3 बजकर 47 मिनट से धनु राशि में प्रवेश करने वाले हैं. इसके साथ ही खरमास की शुरुआत हो जाएगी. खरमास पूरे एक महीने रहकर 15 जनवरी 2024 को खत्म हो जाएगा. खरमास में कोई भी शुभ कार्य जैसे शादी विवाह, ग्रह प्रवेश, मुंडन और घर बनवाना आदि वर्जित होता है.
शादी का शुभ मुहूर्त?
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक साल में दो बार खरमास लगता है. जैसे ही सूर्यदेव बृहस्पति की राशि मीन या धनु में प्रवेश कर लेते हैं, तभी से खरमास लग जाता है. खरमास के दौरान आप कोई भी शुभ कार्य न करें.
जनवरी में विवाह के शुभ मुहूर्त 18, 20, 21, 22, 27, 28, 30 और 31 जनवरी को है.
फरवरी में शुभ मुहूर्त 1, 3, 4, 5, 6, 7, 8,12,13,18, 19, 24, 25, 26 और 27 को है.
खरमास में क्या न करें?
खरमास के दौरान कोई भी शुभ काम न करें. जैसे तामसिक भोजन न करें, किसी से वाद- विवाद करने से बचे. ज्योतिषियों के अनुसार, खरमास में बेटी या बहू की विदाई करना अशुभ माना जाता है. कारोबार का श्रीगणेश न करें. देवी-देवताओं और पक्षियों के प्रति अप्रिय शब्दों का प्रयोग बिल्कुल न करें.
क्यों नहीं की जाती हैं खरमास में शादियां?
मान्यताओं के मुताबिक, जब खरमास में किसी की शादी होती है, तो उसकी शादीशुदा जिंदगी में परेशानी आ सकती है. पारिवारिक कलह बढ़ सकता है और पति-पत्नी के रिश्ते में तनाव आ सकता है. इ्न्हीं मान्यताओं को देखकर खरमास में शादी -ब्याह करने की मनाही होती है.
दीपर चाहर व मोहम्मद शमी टीम से बाहर
खरमास के दौरान क्या करें …
कहते हैं कि भगवान भास्कर की पूजा और उपासना करने से साधक को सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है. भगवान विष्णु का पूजन करने से समस्त पापों का नाश होता है. साथ ही घर में यश- वैभव का आगमन होता है. इस पूरे महीने गौ माता, गुरुदेव और साधुजनों की सेवा करनी चाहिए. नियमित रूप से भगवान भास्कर को लाल रंग युक्त जल का अर्ध्य दें और गरीबों को अपने सामर्थ्य अनुसार दान अवश्य करें.