फिर से प्रसारित होगा कन्नड न्यूज़ पावर टीवी, इस वजह से कोर्ट ने लगाई थी रोक….
सुप्रीम कोर्ट ने कन्नड भाषा के न्यूज चैनल पावर टीवी के प्रसारण पर लगी रोक हटा दी है, कोर्ट ने न्यूज चैनल के खिलाफ इस फैसले को लेने की वजह राजनीतिक प्रतिशोध बताया है. इसको लेकर पावर न्यूज ने दावा किया कि, प्रज्वल रेवन्ना को यौन शोषण के मामले को उजागर करने के कारण उसे लक्षित किया गया था. न्यायालय ने दावा किया कि, प्रज्वल के पिता एचडी रेवन्ना ने 25 अप्रैल को चैनल के सीईओ राकेश शेट्टी को फोन किया था. उनका वादा था कि चैनल की सभी समस्याएं खत्म हो जाएंगी अगर वह प्रसारण बंद कर देगा.
चैनल को बंद करने को लेकर दी गयी थी धमकी
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी से जुड़े एक अधिकारी ने शेट्टी को फोन किया और धमकी दी कि अगर चैनल ने प्रसारण नहीं हटाया तो उसे गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ेगा. वहीं सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने कहा कि, जितना अधिक हम इस मामले को सुनते हैं, ऐसा लगता है कि यह राजनीतिक प्रतिशोध का मामला है. हम बोलने और अभिव्यक्ति की आजादी की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. अगर इसे सुरक्षित नहीं किया गया तो अदालत अपने काम में विफल हो जाएगी.
बेंच ने चैनल की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट द्वारा लगाई गई रोक को हटाने का फैसला सुनाया है, वही आपको बता दें कि, बीते 25 जून को कर्नाटक हाईकोर्ट ने चैनल के प्रसारण पर अंतरिम रोक लगाने का आदेश दिया, क्योंकि चैनल पर सक्रिय लाइसेंस नहीं था. इसी साल फरवरी में केंद्रीय सरकार ने चैनल को कारण बताओ नोटिस भी भेजा था.
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कर्नाटक हाई कोर्ट ने लगाई थी रोक
कर्नाटक हाई कोर्ट की उस टिप्पणी के दो दिन बाद कन्नड टीवी चैनल पावर टीवी का प्रसारण बंद हो गया, जिसमें कहा गया था कि, चैनल को संचालन के लिए अपेक्षित अनुमति नहीं थी. हाई कोर्ट ने कहा कि, चैनल को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से लाइसेंस नहीं है. बता दें कि जद (एस) एमएलसी रमेश गौड़ा और एक आईपीएस अधिकारी ने चैनल के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी, क्योंकि उसके पास अपेक्षित लाइसेंस नहीं था.
वही आवेदनकर्ताओं ने कोर्ट में बताया था कि, ”अप्रैल में प्रसारण बंद करने के लिए चैनल अदालत द्वारा जारी आदेशों का पालन करने में विफल रहा जिसके बाद सख्ती दिखाते हुए चैनल को बंद करने का आदेश जारी किया.”