भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष के भाई की हत्या से बवाल, इंटरनेट सेवाएं बंद
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में भीम आर्मी के जिलाअध्यक्ष के भाई की हत्या के बाद जमकर हुआ बवाल। इलाके में बवाल के बाद से इंटरनेट बंद कर दिया गया है। भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष कमल वालिया के भाई सचिन की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। मृतक पक्ष के लोगों का आरोप है कि रामनगर के पास महाराणा प्रताप भवन तक शोभायात्रा निकाली जा रही थी।
इंटरनेट सेवाएं अगले आदेश तक बंद कर दी हैं
इसी दौरान कुछ अज्ञात लोगों ने सचिन वालिया की गोली मारकर हत्या कर दी। एडीजी ने बताया कि यह पूरा मामला संदिग्ध है। इसकी जांच की जा रही है। जिला प्रशासन ने तनाव की स्थिति को देखते हुए सहारनपुर में इंटरनेट सेवाएं अगले आदेश तक बंद कर दी हैं। स्थानीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, क्षत्रिय समाज ने महाराणा प्रताप जयंती के अवसर पर सहारनपुर के रामनगर में शोभायात्रा निकालने की अनुमति मांगी थी।
प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम करने का दावा किया था
पहले इसपर प्रशासन का रवैया टालने वाला रहा, लेकिन बाद में मंगलवार को जिला प्रशासन ने 150 लोगों के साथ शोभायात्रा निकालने की अनुमति दे दी। बुधवार को रामनगर में इस यात्रा के मद्देनजर जिला प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम करने का दावा किया था। बताया जा रहा है कि बुधवार सुबह से शोभा यात्रा की तैयारी हो रही थी। शोभा यात्रा रामनगर के पास महाराणा प्रताप भवन तक पहुंची। उसी वक्त भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष कमल वालिया का भाई सचिन भवन के सामने से गुजर रहा था।
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अचानक किसी ने उस पर गोली चला दी। उसे आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.इस घटना से पूरे इलाके में एक बार फिर जातीय तनाव पैदा हो गया है। जिला अस्पताल में भीम आर्मी के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में जमा हो गए. वहां जमकर हंगामा हुआ। सहारनपुर के जिलाधिकारी पी.के. पांडे और एसएसपी बबलू कुमार जब जिला अस्पताल पहुंचे तो कमल वालिया की उनके साथ नोक झोंक भी हुई। अपने खिलाफ माहौल बनता देख दोनों अधिकारी वहां से निकल गए. इस दौरान शव को लेकर परिजनों और पुलिस के बीच खींचतान भी हुई। जिला अस्पताल के चारों तरफ भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। वाहनों के अंदर आने पर रोक लगा दी गई है।
23 मई 2017 तक करीब 40 मुकदमे दर्ज किए गए थे
यहां तक कि रामनगर की तरफ जाने वाले मार्ग पर पुलिस सुबह से ही वाहनों की चेकिंग कर रही है. रामनगर वही इलाका है, जहां पिछले साल भी महाराणा प्रताप जयंती की शोभा यात्रा के दौरान जातीय हिंसा भड़क उठी थी। इसमें 5 मई से लेकर 23 मई 2017 तक करीब 40 मुकदमे दर्ज किए गए थे। बताते चलें कि पिछले साल भड़की जातीय हिंसा के मामले में कमल वालिया भी जेल में बंद थे, जो कुछ दिन पहले ही जमानत पर छूटकर बाहर आए हैं। पिछले साल सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव में महाराणा प्रताप शोभायात्रा के दौरान हुए एक विवाद ने हिंसक रूप ले लिया था।
इसके बाद विशेष जाति पर दलितों के साथ अत्याचार करने और उनके घर जलाने का मामला सामने आया था। इस मामले में भीम आर्मी के नेता चंद्रशेखर के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। उसे बाद में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। उधर, मेरठ जोन के एडीजी प्रशांत कुमार ने ‘आज तक’ को इस संबंध में फोन पर जानकारी देते हुए बताया कि घटना संदिग्ध है। जहां घटना हुई थी, वहां इतना फोर्स था, ऐसे में हत्या करना संभव नहीं लगता। गाड़ी वाले ने बताया कि वह खुद गिर गया था। डीएम और एसएसपी मौके पर हैं। जांच की जा रही है। कुछ घंटों में साक्ष्य सामने होंगे। फोरेंसिक टीम भी मौके पर बुलाई गई है।
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