केवल दलितों के ही नहीं, पिछड़ों के राम : कल्याण सिंह

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श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट में दलित सदस्य को शामिल करने के बाद अब ट्रस्ट में ओबीसी सदस्य को भी शामिल करने की मांग उठने लगी है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने ट्रस्ट में पटना से अनुसूचित जाति के सदस्य कामेश्वर चौपाल को शामिल किए जाने का जिक्र किया।

कल्याण सिंह ने कहा, ‘सिर्फ दलितों को ही नहीं, बल्कि पिछड़ों को भी राम मंदिर ट्रस्ट में प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए। वे भी उतने ही राम भक्त हैं, जितने अन्य।’

भाजपा नेता ने कहा, ‘इस सराहनीय कार्य के लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को बधाई देना चाहता हूं। इस जीवनकाल में अयोध्या में भव्य मंदिर को देखने की मेरी इच्छा अब पूरी हो सकती है।’

‘दोषी साबित हुआ तो मुझे सजा दी जाएगी’-

राम मंदिर आंदोलन के दौरान अपने मुख्यमंत्रित्व काल को याद करते हुए कल्याण सिंह ने कहा, ‘मैं एक दिन के लिए जेल गया और दो हजार रुपये का जुर्माना भरा। वर्तमान में मुझ पर सीबीआई अदालत में आपराधिक साजिश का मामला चल रहा है जिसका मैं सामना कर रहा हूं। अगर मैं दोषी साबित हुआ तो मुझे सजा दी जाएगी, अन्यथा मैं बरी हो जाऊंगा।’

अस्थायी राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास सहित संतों और द्रष्टाओं के एक वर्ग ने पहले मांग की थी कि मंदिर आंदोलन में कल्याण सिंह की भूमिका को देखते हुए उन्हें प्रस्तावित ट्रस्ट में शामिल किया जाना चाहिए।

मस्जिद विध्वंस के बाद कल्याण सिंह की सरकार हुई थी बर्खास्त-

6 दिसंबर, 1992 को बाबरी मस्जिद के विध्वंस के समय कल्याण सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। मस्जिद गिराए जाने के कुछ घंटों बाद ही उनकी सरकार को बर्खास्त कर दिया गया था।

कल्याण सिंह को अदालत की अवमानना के लिए एक दिन के लिए जेल भेज दिया गया था, क्योंकि उन्होंने अदालत से कहा था कि वह मस्जिद की रक्षा करेंगे।

कल्याण सिंह ने इस बात को स्वीकार किया था कि उन्होंने पुलिस को इस बात का आदेश दिया था कि अयोध्या में कारसेवकों पर गोली नहीं चलाई जानी चाहिए।

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