ज्ञानवापी मामला: सर्वे का आदेश देने वाले जज को मिली धमकी, पुलिस कर रही चिट्ठी की जांच
ज्ञानवापी को लेकर पर हर रोज नए-नए मामले हो रहे हैं. बीते मंगलवार को परिसर में मिले कथित शिवलिंग के सर्वे का आदेश देने वाले दीवानी जज (सीनियर डिविजन) रवि कुमार दिवाकर को 2 पन्नों का एक धमकी भरी चिट्ठी मिली है. इसके अलावा, जज के ही फैसले में टिप्पणी का जिक्र कर परिवार को भी निशाने पर लेने का प्रयास किया गया है. वाराणसी के पुलिस कमिश्नर के मुताबिक, जज की सुरक्षा में 9 पुलिसकर्मी लगाए गए हैं और जज के आवास पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है. साथ ही इस चिट्ठी की जांच भी की जा रही है.
सोशल मीडिया पर वायरल जज को भेजे पत्र में लिखा गया ‘अब जज भी भगवा रंग में सराबोर हो चुके हैं. फैसला उग्रवादी हिंदुओं और उनके तमाम संगठनों को प्रसन्न करने के लिए सुनाते हैं. इसके बाद ठीकरा विभाजित भारत के मुसलमानों पर फोड़ते हैं. आप न्यायिक कार्य कर रहे हैं, आपको सरकारी मशीनरी का संरक्षण प्राप्त है. फिर आपकी पत्नी और माता श्री को डर कैसा है? आजकल न्यायिक अधिकारी हवा का रुख देख कर चालबाजी दिखा रहे हैं. आपने वक्तव्य दिया था कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का निरीक्षण एक सामान्य प्रक्रिया है. आप भी तो बुतपरस्त (मूर्तिपूजक) हैं. आप मस्जिद को मंदिर घोषित कर देंगे.’ इसके अलावा चिट्ठी में भड़काऊ भाषा के साथ ही ‘आपकी भारत माता’ जैसा शब्द लिखकर खंड-खंड और विभाजन की भी बात गई है.
बता दें ज्ञानवापी में सर्वे का आदेश देने के दौरान ही जज ने सुरक्षा को लेकर चिंता जताई थी. उधर, इस्लामिक आगाज मूवमेंट के अध्यक्ष काशिफ अहमद सिद्दीकी के लेटर पैड पर सिविल जज सीनियर डिवीजन को संबोधित पत्र में लिखा गया है कि आप ज्ञानवापी मस्जिद-मंदिर विवाद पर फैसला नहीं सुनाएंगे तो उग्रवादी आपका और आपके परिवार का जीना हराम कर देंगे. आप निडर होकर फैसला सुनाइए, आप और आपके घर के लोग सुरक्षित रहेेंगे.
सिविल जज सीनियर डिवीजन कोमिली चिट्ठी के साथ कई पन्ने संलग्न हैं, जो 18 दिसंबर, 2020 की तिथि अंकित कर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर संघचालक मोहन राव, मधुकर राव, भागवत, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, बसपा प्रमुख मायावती, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को संबोधित कर भेजा गया है.