CJI मिश्रा करेंगे जज लोया मौत मामले की सुनवाई
जज बीएच लोया के जिस केस को लेकर सुप्रीम कोर्ट के चार सीनियर जजों ने ‘बगावत’ की, उसकी सुनवाई अब खुद चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा करेंगे। यह मामला जस्टिस अरुण मिश्रा की बेंच सुन रही थी, लेकिन चार जजों द्वारा खुले तौर पर आपत्ति जताए जाने के बाद जस्टिस अरुण मिश्रा ने खुद को सुनवाई से अलग करते हुए कहा था कि इसे ‘उपयुक्त बेंच’ के सामने पेश किया जाए। तभी से इस बात को लेकर कयास जारी थे कि आखिर जज लोया की मौत का केस किस बेंच के हवाले किया जाएगा। इस मामले में चीफ जस्टिस की बेंच में अन्य जज जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ होंगे।
22 जनवरी को होगी मामले की सुनवाई
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जज लोया की मौत से जुड़ा केस चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के सामने सुनवाई के लिए लिस्ट किया गया है। चीफ जस्टिस 22 जनवरी को इस मामले की सुनवाई करेंगे। आपको बता दें किसुप्रीम कोर्ट सके चार जस्टिस ने आरोप लगाया था कि महत्वपूर्ण मामलों में सीजेआई वरिष्ठता का ख्याल नहीं रख रहे हैं। राष्ट्रीय महत्व के संवेदनशील मामले सीनियरों को नहीं सौंपे जा रहे हैं।
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4 जजों ने चीफ जस्टिस की कार्यप्रणाली पर उठाए थे सवाल
इसके बाद चीफ जस्टिस ने कई महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई के लिए गठित संवैधानिक बेंच में इन चार जजों को जगह नहीं दी थी। चीफ जस्टिस ने आधार केस, धारा 377 और समलैंगिकता केस समेत अन्य महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई के लिए संवैधानिक बेंच का गठन किया था। इसमें जस्टिस जे चेलमेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एम बी लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसफ को शामिल नहीं किया गया। इन्हीं चारों जजों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चीफ जस्टिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के 4 जजों ने जब मीडिया के सामने अपना पक्ष रखा था तब भी जज लोया की मौत से संबंधित जांच का मुद्दा उठा था। उस वक्त जस्टिस कुरियन ने कहा था कि हम इससे इनकार नहीं करते हैं। सुप्रीम कोर्ट में जज लोया की मौत से संबंधित एक याचिका कांग्रेस नेता तहसीन पूनावाला ने दायर की है और दूसरी महाराष्ट्र के पत्रकार बंधु राज लोने ने की है।
(साभार- नवभारत टाइम्स)