सोने की तरह चमकता है कैलाश पर्वत, बनती है ॐ की आकृति
सनातन धर्म में 12 महीनों में श्रावण के महीने को सबसे पवित्र महीना माना जाता है। श्रावण के महीने में पूरा जन मानस शिवमय हो जाता है। मंदिरों और शिवालयों में भक्तों की लंबी-लंबी कतारें देखने को मिलती हैं। हिंदू धर्म में मान्यता है कि देवों के देव महादेव भगवान शिव और माता पार्वती का वास कैलाश पर्वत है। हर साल हजारों श्रद्धालु कैलाश मानसरोवर की पवित्र यात्रा पर जाते हैं। जिनमें से कई नजारे मनमोह लेने वाले होते हैं। लेकिन कैलाश मानसरोवर की यात्रा कई मील सफर उतनी ही दुर्गम भी होता है।
जानिए और क्या खासियत है कैलाश पर्वत की…?
कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं को यहां के विहंगमय दृश्य देखने को मिलते हैं। उत्तराखंड के लिपुलेख और सिक्किम के नाथूला दर्रे से यात्रियों के जत्थों को रवाना किया जाता है। कैलाश मानसरोवर की यात्रा हर साल जून से जुलाई के बीच विदेश मंत्रालय के जरिए कराई जाती है। सूर्य की किरणों से सोने जैसा चमकता है कैलाश पर्वत।
कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर गये कुछ श्रद्धालुओं द्वारा वहां की फोटोज ली गईं इनमें आप देख सकते हैं, कि जब सूर्य की पहली किरणें कैलाश पर्वत पर पड़ती हैं तो ये बिल्कुल सोने जैसा जमक उठता है।
– इतना ही नहीं, सूर्य की किरणों के पड़ने से छोटा कैलाश की यात्रा के दौरान ऊं पर्वत पर बनी प्राकृतिक ॐ की आकृति साफ दिखाई देती है।
– मानसरोवर यात्रा की दौरान भक्तों को हर कदम पर दिव्यता का एहसास होता है। ऐसा लगता है, मानों किसी दूसरी दुनिया में आ गए हों।
– विदेश मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबकि हर साल करीब 25 हजार श्रद्धालु कैलाश मानसरोवर की पवित्र यात्रा पर जाते हैं। यह यात्रा 1981 में शुरू की गई थी।
मानसरोवर झील
– माना जाता है, कि महाराज मानधाता ने मानसरोवर झील के पास कई सालों तक तपस्या की थी और राजा मानधाता ने ही मानसरोवर झील की खोज की थी।
– बौद्ध धर्म की मान्यता है, कि इस झील के बीच में एक पेड़ है, जिसमें लगने वाले फलों से शारीरिक और मानसिक बीमारी का सफल इलाज होता है।
Also read : सांप और इंसान में है यहां ‘बाप-बेटे’ का रिश्ता
कैलाश पर्वत
– हिमालय की पहाड़ियों में कैलाश पर्वतमाला कश्मीर से लेकर भूटान तक फैली हुई है।
– कैलाश पर्वत सालभर बर्फ से ढका रहता है। कैलाश पर्वत से ही सतलुज ब्रह्मपुत्र और सिन्धु समेत कई महत्वपूर्ण नदियां निकलतीं हैं।
– तिब्बत में स्थित इसके उत्तरी शिखर का नाम कैलाश है। यह शिखर 22,028 फीट ऊंचा पिरामिड है।