पत्रकारों पर गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई पर जांच की मांग, राज्यपाल से की गयी शिकायत
बीते दिनों उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर ज़िले के थाना बीटा-2 र्ज मुकदमा अपराध संख्या- 806 / 2019 की निष्पक्ष जाँच किसी सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति उच्च न्यायालय से कराये जाने के सम्बन्ध में गुरुवार को एक पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता और आरटीआई एक्टिविस्ट होने के साथ साथ विभिन्न सामाजिक /पत्रकार संगठनों में पदाधिकारी तनवीर अहमद सिद्दीकी ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा है। जिसकी जाँच उन्होंने किसी सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति उच्च न्यायालय से कराये जाने की माँग की है।
राज्यपाल आनंदी बेन पटेल को भेजी शिकायत:
राज्यपाल से की गयी शिकायत में तनवीर अहमद सिद्दीक़ी ने लिखा है कि, संविधान का चौथा स्तम्भ माने जाने वाले मीडियाकर्मियों की कलम पर रोक लगाने के लिए पत्रकारों पर गैगस्टर तक की कार्यवाही प्रदेश के पुलिसकर्मियों व प्रशासन द्वारा की जा रही है। जिसका उदाहरण नोएडा और लखनऊ के पत्रकारों के साथ जिला गौतम बुद्ध नगर की पुलिस व प्रशासन ने फर्जी तौर पर गैगस्टर अधिनयम में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करके कार्यवाही की गई है l
भारत के सजग नागरिक होने के नाते मुझे यह संज्ञान में लाना है कि, गौतम बुद्ध नगर जिले के बीटा- 2 थाने की पुलिस ने पांच पत्रकारों को अनुचित प्रकार से लखनऊ, गाजियाबाद और नोएडा से गिरफ्तार किया था। साथ ही विधिविरुद्ध प्रकार से गिरफ्तार पत्रकारों के ऑफिस में नोएडा पुलिस ने तोड़-फोड़ कर सीसीटीवी नोंच डाले और डीवीआर उठा ले गए जो कि, स्वय में एक गंभीर अपराध है।
वहीं, दूसरी ओर गिरफ्तार किए गए पत्रकारों पर पुलिस ने मनमाने प्रकार से गैंगस्टर के तहत मुकदमा दर्ज कराया और आधारहीन आरोप लगाया कि, गिरफ्तार किए गए फर्जी पत्रकार हैं और जो कि, मान्यता प्राप्त पत्रकार नहीं हैं।
इसके अलावा पुलिस के द्वारा प्रेस रिलीज में लिखा गया कि, गिरफ्तार किए गए पत्रकार पुलिस अफसरों पर दबाव बनाकर ब्लैकमेल करके पैसे वसूलते थे और गलत काम करवाते थे, लेकिन सबसे अहम बात ये है कि, जिला गौतम बुद्ध नगर की पुलिस जिन अफसरों को ब्लैकमेल करने की बात कर रही है।
उनमें से किसी ने भी इन पत्रकारों के खिलाफ न तो कोई शिकायत की और न ही किसी थाने में कोई एफआईआर दर्ज कराई है। इसके अलावा पुलिस के पास भी कोई सुबूत नहीं थे और न ही प्रेस कॉफ्रेंस के दौरान पुलिस व प्रशासन ने मीडिया के सामने रखा जिसकी वजह से मीडिया जगत में पत्रकारों पर गैंगस्टर लगाने जैसी कार्रवाई करने पर हलचल मची हुई है और खौफ बना हुआ है। इस तरह से तो कोई भी पत्रकार सत्य एवं निष्पक्ष खबर नहीं लिखेगा।
ग़ौरतलब है कि, उन्होंने भारत सरकार, राष्ट्रपति और अन्य जगह शिकायत भेजकर निष्पक्ष जाँच की माँग की है।
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