जिग्नेश के आगे हारी दिल्ली पुलिस, हो रही है रैली
पुलिस की रोक के बावजूद गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी और उनके समर्थक राजधानी दिल्ली के संसद मार्ग पर युवा हुंकार रैली कर रहे हैं। पुलिस ने नैशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल रैली के आदेशों का हवाला देते हुए रैली की इजाजत देने से इनकार कर दिया था, लेकिन रैली के आयोजक और जिग्नेश रैली करने पर अड़ रहे। आयोजन स्थल पर काफी संख्या में जिग्नेश के समर्थक मौजूद हैं। इस रैली में यूपी की भीम आर्मी के समर्थक भी पहुंचे हैं, जिनके हाथों में अपने नेता चंद्रशेखर की तस्वीरें हैं।
जिग्नेश की रैली को नहीं रोक सकी दिल्ली पुलिस
बता दें कि पुलिस ने यहां भारी संख्या में पुलिसबल तैनात किया है। पुलिस की ओर से कहा गया था कि यहां आयोजन की इजाजत नहीं दी गई है, लेकिन इसके बावजूद कार्यक्रम का शुरू होना पुलिस के रुख पर सवाल खड़े कर रहा है। इसके पहले जिग्नेश ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उनकी रैली को रोकना दुर्भाग्यपूर्ण हैं। उन्होंने कहा, ‘हम सिर्फ लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने जा रहे हैं। सरकार हमें निशाना बना रही है। एक चुने हुए जनप्रतिनिधि को बोलने से रोका जा रहा है।’
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पोस्टर में मेवाणी को बताया भगोड़ा
बता दें कि रैली के आयोजन को लेकर विवाद उसी दिन से शुरू हो गया था, जब से इसकी घोषणा की गई थी। आयोजकों में से एक और जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष मोहित कुमार पांडेय ने कहा, ‘2 जनवरी को रैली की घोषणा किए जाने के बाद से मेवाणी को एक देशद्रोही और शहरी नक्सली बताने वाले पोस्टरों पर बहुत सारा पैसा खर्च किया गया है। रैली पूर्व निर्धारित समय पर ही होगी।’ इस बीच संसद मार्ग के नजदीक कुछ पोस्टर्स लगाए गए हैं जिनमें मेवाणी को भगोड़ा बताया गया है।
भीमा-कोरेगावं की हिंसा भड़काने का आरोप
बता दें कि पुणे के भीमा-कोरेगांव में हुई हिंसा और उसके बाद हुए बवाल को लेकर जिग्नेश मेवाणी पर भड़काऊ भाषण देने का केस दर्ज किया गया है। इसे लेकर मेवाणी ने दिल्ली में हुंकार रैली करने का ऐलान करते हुए कहा था कि वह एक हाथ में मनुस्मृति और एक हाथ में संविधान की प्रति लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय जाएंगे और पीएम मोदी से कहेंगे कि वह दोनों में से किसी एक को चुनें। मेवाणी ने कहा था कि गुजरात में 150 सीटों का दम भरने वाली बीजेपी 99 पर सिमट गई, इसलिए उन्हें निशाना बनाया जा रहा है।
(साभार- जनसत्ता)