गुजरात: हार्दिक पटेल और मेवानी के रुख से कांग्रेस की चुनावी तैयारियों को झटका

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पीएम नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात में 22 साल बाद सत्ता में वापसी के लिए संघर्ष कर रही कांग्रेस की राह और कठिन होती दिख रही है। हार्दिक पटेल की ओर से पाटीदार समुदाय के आरक्षण को लेकर प्लान पेश करने की मांग के बाद अब दलित नेता जिग्नेश मेवानी ने भी कांग्रेस से जुड़ने से इनकार किया है। जिग्नेश मेवानी ने कहा कि वह गुजरात चुनाव से पहले किसी भी राजनीतिक दल से नहीं जुड़ेंगे। यही नहीं राहुल गांधी से मुलाकात की संभावनाओं वाली खबरों को भी जिग्नेश मेवानी ने खारिज किया है।
बिना पार्टी में आए कांग्रेस को कितने वोट दिलाएंगे जिग्नेश और हार्दिक?
दूसरी तरफ हार्दिक पटेल ने भी कांग्रेस या किसी अन्य पार्टी से जुड़ने से इनकार किया है। इसे कांग्रेस के लिए दोतरफा झटका कहा जा सकता है। बता दें कि कांग्रेस पार्टी गुजरात में अल्पेश ठाकोर, हार्दिक पटेल और जिग्नेश मेवानी के जरिए सामाजिक समीकरण साधकर चुनावी जंग जीतने की कोशिश में है। लेकिन, हार्दिक पटेल और जिग्नेश मेवानी के पार्टी में न शामिल होने पर यह देखना होगा कि पटेल और दलित समाज के कितने वोट कांग्रेस को ट्रांसफर होते हैं। गुजरात में 7 फीसदी दलित हैं और हाल ही में दलितों के साथ हुई घटना के बाद से दलित समुदाय में काफी नाराजगी है। कांग्रेस इस चुनाव में इस गुस्से को ही भुनाना चाहती है।
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मेवानी बोले, राहुल से चुपचाप क्यों मिलूंगा
फेसबुक लाइव पर जिग्नेश मेवानी ने कहा, ‘मैं मीडिया के मित्रों से अनुरोध करना चाहूंगा कि वे ऐसी गलत खबरें चलाएं कि मैं राहुल गांधी से मिलने वाला हूं।’ उन्होंने कहा, ‘यदि मैं राहुल गांधी से मुलाकात करूंगा तो यह मेरे निजी लाभ के लिए नहीं बल्कि दलित समुदाय को लेकर कांग्रेस के स्टैंड को जानने के लिए होगी। इस मसले पर बीजेपी की राज्य सरकार बातचीत करने के लिए तैयार नहीं है। आखिर मैं किसी से चुपचाप मुलाकात क्यों करूंगा?’
कांग्रेस की चुनावी तैयारियों पर पड़ेगा असर?
बता दें कि कांग्रेस ने पिछले ही दिनों ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर, पटेल लीडर हार्दिक पटेल और दलित समाज के नेता जिग्नेश मेवानी को चुनाव लड़ने का ऑफर दिया था। अल्पेश ठाकोर ने राहुल गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस का दामन थाम लिया था। लेकिन, हार्दिक पटेल और जिग्नेश मेवानी ने अपना रुख स्पष्ट न कर कांग्रेस की चिंताएं बढ़ा दी हैं। खासतौर पर चुनाव की तारीखें करीब आने के साथ ही इन दोनों नेताओं के तेवरों के चलते कांग्रेस की चुनावी तैयारी भी प्रभावित हो रही है।

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