जौनपुर बनी हाट सीट, मुकाबला तीन दिग्गजों के बीच
जौनपुर: लोकसभा चुनाव की बीच उत्तर प्रदेश में बसपा ने एक और सूची जारी कर दी है. इस सूची के बाद अब प्रदेश की कई सीटों पर मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है. इसी बीच सबसे खास सीट हो गयी है पूर्वांचल की लोकसभा सीट जौनपुर, जहां से मायावती ने आज अपनी सूची में बाहुबली धनजय सिंह की पत्नी श्री कला रेड्डी को टिकट दे दिया है. अब इस सीट पर बसपा की ओर से श्री कला रेड्डी, सपा से बाबू सिंह कुशवाहा और भाजपा की तरफ से कृपाशंकर सिंह के बीच होने वाले चुनाव में मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है.
राजपूतों का दबदवा…
बता दें कि जौनपुर लोकसभा सीट में ब्राह्मणों की संख्या की बावजूद भी यहां हमेशा राजपूतों का दबदबा रहा है. कहा जा रहा है कि बीजेपी ने इस सीट को अपने खाते में लाने की लिए महाराष्ट्र में उत्तर भारतियों की आवाज की रूप में पहचाने जाने वाले कृपाशंकर सिंह को मैदान में उतार दिया है. इसके बाद धनञ्जय सिंह ने जौनपुर से चुनाव लड़ने की एलान किया था. लेकिन धन्नजय सिंह को उस समय बड़ा झटका लगा जब उन्हें MP – MLA कोर्ट ने सात साल की सजा सुनाई दी.
धनञ्जय की तीसरी पत्नी चुनावी मैदान में…
बता दें कि जौनपुर की बाहुबली का जीवन काफी दिलचस्प रहा है उन्होंने अपने जीवन में तीन शादियां की है. पहली पत्नी की मौत और दूसरे से तलाक हो जाने की बाद धनञ्जय सिंह ने तेलंगाना की रहने वाली श्री कला रेड्डी से तीसरी शादी पेरिस में की थी. रेड्डी बड़े कारोबारी घराने से संबंध रखती हैं. उन्होंने पहली बार 2021 में राजनीति में कदम रखा और उन्हें जौनपुर जिला पंचायत का अध्यक्ष चुना गया था. रेड्डी यह चुनाव निर्दलीय जीती थीं.
जीत में राजपूत आगे…
बता दें कि जौनपुर लोकसभा सीट पर हमेशा से राजपूतों का दबदबा रहा है. इस लोकसभा सीट में ब्राह्मणों की संख्या अधिक है लेकिन इसके बाद भी यहां ज्यादातर राजपूत ही चुनाव जीते हैं. इस लोकसभा सीट में ब्राह्मणों की संख्या 15.72 फीसद जबकि राजपूतों की जनसंख्या 13.30 फीसद है. अब तक यहां 17 बार चुनाव हुए हैं जिसमें 11 बार राजपूत, चार बार यादव और दो बार ब्राह्मणों को जीत मिली है.
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जौनपुर को 1999 में मिला मंत्री
बता दें कि जौनपुर को 1999 में पहली बार मंत्री मिला. देश की आजादी की बाद 17 बार यहां से चुने गए सांसदों को मौका नहीं मिला लेकिन सन 1999 में अटल बिहारी वाजपेई की सरकार में यहां से सांसद चुने गए चिन्मयानद केंद्रीय गृहराज्य मंत्री का पद दिया गया था