2G घोटाले में स्पेशल CBI कोर्ट से ए. राजा-कनिमोझी समेत सभी आरोपी बरी

0

देश का सबसे बड़ा घोटाला माने जा रहे टू-जी स्पेक्ट्रम केस में कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सरकारी वकील आरोप साबित नहीं कर पाए। जज ओपी सैनी ने कहा कि अभियोजन पक्ष यह साबित करने में नाकाम रहा है कि दो पक्षों के बीच पैसे का लेन देन हुआ है। बता दें कि कोर्ट के फैसले से पहले परिसर में भारी भीड़ थी।

सिब्बल ने कहा कि ये लीगल विक्ट्री है

जज सैनी ने भीड़ के चलते आरोपियों के कोर्ट न पहुंच पाने के चलते कार्यवाही स्थगित कर दी। फिर जब दोबारा कार्यवाही शुरू हुई तो उन्होंने अपने एक लाइन के फैसले में कहा कि सरकारी वकील आरोप साबित करने में नाकाम रहे हैं। इस दौरान कनिमोझी और ए राजा के समर्थक कोर्ट में मौजूद रहे। फैसला आते ही कोर्ट में तालियां बज उठी। कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस और डीएमके नेताओं ने बीजेपी पर निशाना साधा है। सिब्बल ने कहा कि ये लीगल विक्ट्री है।

also read : कांग्रेस में नए हीरो ने मारी एंट्री… ये है गेम प्लान

मैंने पहले ही कहा था कि ये जीरो लॉस है, और वही हुआ। प्रधानमंत्री के लेवल में इस तरीके के भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगाना चाहिए। पूर्व कैग प्रमुख को निशाने पर लेते हुए सिब्बल ने कहा कि विनोद राय को देश के सामने माफी मांगनी चाहिए। देश को गुमराह किया गया। यूपीए सरकार को गलत साबित किया। विनोद राय ने सब गलत किया है। उन्होंने कहा कि विनोद राय और बीजेपी की वजह से देश की आर्थिक स्थिति पर काफी बुरा प्रभाव पड़ा। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने पूर्व कैग अध्यक्ष को निशाने पर लिया है। दूसरी ओर राज्यसभा में कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद ने यह मामला उठाया है।

also read : एक डर से यहां नहीं आया UP का कोई CM, योगी बोले- मैं आ रहा हूं

हालांकि राज्यसभा चेयरपर्सन वेंकैया नायडू ने कहा कि ये हाउस के बाहर का मामला है। इस पर बहस नहीं हो सकती। विपक्ष नेता मसले पर हंगामा करते हुए वेल में घुस गए। द्रमुक नेता स्टालिन ने कोर्ट के फैसले पर कहा कि ये राजनीतिक साजिश थी। एक पार्टी को खत्म करने का प्रयास था, इसलिए गलत गणना की गई है। उन्होंने कहा कि यह बहुत ही खुशी का पल है. डीएमके ने कोई गलती नहीं की थी।

स्वामी बोले- हाईकोर्ट में अपील करे सरकार

उधर सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा कि सभी आरोपियों को बरी किए जाने के खिलाफ सरकार को हाईकोर्ट में अपील करना चाहिए।

टू-जी मामले में ये भी थे आरोपी

टू-जी स्पेक्ट्रम घोटाले में सुनवाई छह साल पहले 2011 में शुरू हुई थी जब अदालत ने 17 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किये थे। जिन आरोपों में आरोप तय किये गये हैं उनमें छह महीने से उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है। इस मामले में एस्सार समूह के प्रमोटर रविकांत रुइया और अंशुमान रुइया, लूप टेलीकाम की प्रमोटर किरन खेतान, उनके पति आई पी खेतान और एस्सार समूह के निदेशक (रणनीति एवं योजना) विकास सर्राफ आरोपी थे, जिन्हें कोर्ट ने बरी कर दिया है। सीबीआई द्वारा दायर पहले मामले में राजा और कनिमोझी के अलावा पूर्व दूरसंचार सचिव सिद्धार्थ बेहुरा, राजा के पूर्व निजी सचिव आर के चंदोलिया, स्वान टेलीकॉम प्रमोटर शाहिद उस्मान बलवा और विनोद गोयनका, यूनीटेक लिमिटेड एमडी संजय चंद्रा और रियालंस अनिल धीरूभाई अंबानी समूह के तीन शीर्ष कार्यकारी अधिकारी गौतम दोशी, सुरेंद्र पिपारा और हरि नायर आरोपी थे. कोर्ट ने सभी को बरी कर दिया है।

(साभार-आजतक)

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More