DGP : सिर्फ दो सिपाहियों की वजह से पूरे महकमें पर उंगली उठाना गलत
हाल ही में हुए विवेक तिवारी हत्याकांड के बाद पुलिस विभाग की काफी किरकिरी हो चुकी थी। हर तरफ से पुलिस विभाग पर सवाल उठने लगे थे। इसी बीच डीजीपी(DGP) ओ पी सिंह ने विभाग को लेकर एक बयान दिया है।
डीजीपी (DGP) के मुताबिक, केवल दो कॉन्स्टेबल के चलते पूरी पुलिस फोर्स को बदनाम करना गलत है। विवेक तिवारी जैसी घटना गलत है और हम सभी को उसका दुख है।
एक-दो कांस्टेबल यूपी पुलिस के ब्रांड एंबेसडर नहीं हो सकते
इस बीच प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने रविवार को बाराबंकी में कहा कि एक-दो कांस्टेबल यूपी पुलिस के ब्रांड एंबेसडर नहीं हो सकते हैं। डीजीपी ने विवेक तिवारी हत्याकांड पर कहा कि केवल दो कॉन्स्टेबल के चलते पूरी पुलिस फोर्स को बदनाम करना गलत है। विवेक तिवारी जैसी घटना गलत है और हम सभी को उसका दुख है। वहीं पुलिसकर्मियों की आत्महत्या पर कहा कि पिछले तीन-चार सालों में 10 से 12 पुलिसवालों ने आत्महत्या की है।
आत्महत्या का ग्राफ बीते सालों के बराबर रहा
इस साल भी आत्महत्या का ग्राफ बीते सालों के बराबर रहा है। डीजीपी ने कहा कि केवल नौकरी में तनाव के चलते ही पुलिसकर्मी आत्महत्या नहीं करते हैं। पारिवारिक तनाव भी आत्महत्या की वजह है। इस दबाव से निपटने के लिए पुलिस विभाग में काउंसिलिग की व्यवस्था की गई है। जिससे इस तरह की घटनाओं पर लगाम लग सकेगा।
धड़ाधड़ कार्रवाई से कुछ अनुशासनहीन सिपाहियों ने मांगी माफी
विवेक तिवारी हत्याकांड के बाद कुछ पुलिसकर्मियों मे आरोपी प्रशांत को बचाने के लिए काली पट्टी बांधकर विरोध करना शुरु कर दिया था। जिसके बाद उन पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया गया था।
बता दें, काली पट्टी बांधकर विरोध करने वाले कुछ सिपाहियों को निलंबित कर दिया था, लेकिन उसके बाद भी उनका विरोध नहीं रुका। अब खबर आ रही है कि इस धड़ाधड़ कार्रवाई से कुछ अनुशासनहीन सिपाहियों ने बैकफुट ले लिया है। साथ ही आरोपी प्रशांत की पत्नी राखी मलिक ने भी फेसबुक पर एक वीडियो पोस्ट करके पुलिसकर्मियों से विरोध न करने की अपील की है।
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