चंद्रयान-2 मिशन को भारत अकेले देगा अंजाम !
ISRO चंद्रयान-2 मिशन में रूस की मदद नहीं लेगा। ये कहना है इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) के चेयरमैन एएस किरण कुमार का, उन्होंने कहा कि चंद्रयान-2 मिशन को पूरी तरह भारत ही अंजाम देगा। “इसमें रूस की मदद नहीं ली जाएगी। इस मिशन के अगले साल की शुरूआत में लॉन्चिंग की उम्मीद है।”
PSLV को असेंबल करने के लिए नई बिल्डिंग तैयार
कुमार ने बताया, “हमारी स्पेस मिशन कैपेसिटी बढ़कर 12 हो गई है। कुछ साल पहले यह 4-5 से बढ़कर 7 तक पहुंची थी। हम PSLV (सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल) को असेंबल करने के लिए नई बिल्डिंग तैयार कर रहे हैं, ताकि लॉन्चिंग के दौरान तैयारी करने में टाइम कम लगे।” लॉन्चिंग फ्रीक्वेंसी बढ़ाने पर फोकस है। कुमार ने कहा, “हमने 8 से 9 पीएसएलवी और 2 GSLV-Mk II के साथ कुल 12 लॉन्चिंग कीं। आगे फ्रीक्वेंसी बढ़ाने पर काम चल रहा है ताकि कम लागत में ज्यादा वजनी सैटेलाइट स्पेस में भेजे जा सकें।
एक ही लॉन्च पैड से ज्यादा लॉन्चिंग हो सकेगी
ISRO स्पेस एजेंसी व्हीकल असेंबल करने के लिए एक नई बिल्डिंग तैयार कर रही है। इससे टाइम की बचत होगी और एक ही लॉन्च पैड से ज्यादा लॉन्चिंग की जा सकेगी। आगे एक स्पेस स्टेशन बनाने का प्रपोजल भी आने वाला है।”
2018 के शुरुआत में होगा चंद्रयान-2 मिशन लॉन्च
इसरो अगले साल की शुरुआत में चंद्रयान-2 मिशन लॉन्च करेगा। इसके लिए सभी जरूरी इंजन और इक्विपमेंट्स तैयार करने का काम जारी है।
मार्स और वीनस के मिशन पर काम शुरू
मार्स और वीनस मिशन के नए मिशन पर भी काम शुरू होगा। हमारी स्टडी टीम इस पर काम कर रही है। बाद में इसे अप्रूव किया जाएगा। ऑक्सीजन और हाइड्रोजन फ्यूल टेक्नोलॉजी पर भी काम हो रहा है। इसके पूरा होते ही हमारे ताकत बढ़ेगी।
ISRO ने बनाया सैटेलाइट्स लॉन्च का वर्ल्ड रिकॉर्ड
इसी साल फरवरी में इसरो ने एक साथ सबसे ज्यादा सैटेलाइट्स लॉन्च करने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया।
इसरो ने 30 मिनट में एक रॉकेट के जरिए 7 देशों के 104 सैटेलाइट्स एक साथ लॉन्च किए।
रूस ने 2014 में 37 सैटेलाइट्स किया था लॉन्च
अभी तक किसी भी देश ने एक साथ इतने सैटेलाइट लॉन्च नहीं किए हैं। सबसे ज्यादा सैटेलाइट लॉन्च करने का रिकॉर्ड फिलहाल रूस के नाम था। उसने 2014 में एक बार में 37 सैटेलाइट्स लॉन्च किए थे।